Crop Advisory: देर से बोई गई सरसों में तुरंत ये काम करें किसान, पूसा ने जारी की एडवाइजरी

Crop Advisory: देर से बोई गई सरसों में तुरंत ये काम करें किसान, पूसा ने जारी की एडवाइजरी

गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की लगातार निगरानी करते रहें. यदि संख्या अधिक हो तो बीटी @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @ 1.0 एम.एल./3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ़ होने पर करें. टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, नोलखोल और ब्रोकोली की तैयार पौध की रोपाई उभरी हुई क्यारी में की जा सकती है. पत्ती वाली फसल में पत्ती खाने वाले कीटों की लगातार निगरानी की सलाह दी जाती है.

सरसों की फसल में लगने वाले कीटसरसों की फसल में लगने वाले कीट
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 27, 2024,
  • Updated Dec 27, 2024, 7:32 PM IST

ICAR, पूसा ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि आने वाले दिनों में बारिश की संभावना को देखेते हुए सभी खड़ी फसलों में सिचाई और किसी भी प्रकार का छिडकाव न करें. देर से बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण और खरपतवार नियंत्रण का काम करें. औसत तापमान में कमी को देखते हुए सरसों की फसल में सफ़ेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें. इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद और पोटाश उर्वरक का प्रयोग जरूर करें.

एडवाइजरी में कहा गया है, आलू की फसल में उर्वरक की मात्रा डालें और फसल में मिट्टी चढ़ाने का काम करें. हवा में अधिक नमी के कारण आलू और टमाटर में झुलसा रोग आने की संभावना है. इसलिए फसल की नियमित रूप से निगरानी करें. लक्ष्ण दिखाई देने पर डाईथेन-एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ़ होने पर करें. जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बंदगोभी और ब्रोकली की नर्सरी तैयार है, वह मौसस को ध्यान में रखते हुए पौधों की रोपाई कर सकते हैं.

गोभी में इन कीटों को करें कंट्रोल

गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की लगातार निगरानी करते रहें. यदि संख्या अधिक हो तो बीटी @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @ 1.0 एम.एल./3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ़ होने पर करें. टमाटर, फूलगोभी, पत्तागोभी, नोलखोल और ब्रोकोली की तैयार पौध की रोपाई उभरी हुई क्यारी में की जा सकती है. पत्ती वाली फसल में पत्ती खाने वाले कीटों की लगातार निगरानी की सलाह दी जाती है. 

एडवाइरी में कहा गया है कि गोभी वाली फसल पर अगर कीट की आबादी अधिक है तो बी.टी. @ 1.0 ग्राम/लीटर पानी या स्पिनोसैड @1 मिली/3 लीटर पानी का छिड़काव आसमान साफ ​​रहने पर करने की सलाह दी जाती है. मीली बगों को चढ़ने से रोकने के लिए आम के तने के चारों ओर प्लास्टिक शीट लपेटी जानी चाहिए. पॉलीथीन शीट में किसी भी दरार को सील करने के लिए ग्रीस लगाएं. अधिक नमी के कारण किसानों को गेंदा की फसल में पुष्पक्रम सड़न रोग की लगातार निगरानी करने की सलाह दी जाती है.

मक्का पर फॉलआर्मी का खतरा

इसी के साथ मौसम विभाग ने भी किसानों के लिए एडवाजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि कर्नाटक में, ज्वार और मक्का में फॉल आर्मीवर्म के प्रबंधन के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट @ 0.3 ग्राम या फेनोट्रोन @ 4.0 मिली को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. ओडिशा में, साफ मौसम के दौरान मूंग और उड़द की फसल में पाउडरी फफूंद रोग के संक्रमण पर सल्फर 80% WP @ 800 ग्राम/एकड़ या हेक्साकोनाजोल 5% EC @ 300 मिली/एकड़ का छिड़काव करें.

पंजाब में, सफेद रतुआ दिखाई देने पर सरसों में मैंकोजेब @ 2 ग्राम/लीटर पानी या क्लोरोथेलोनिल 75 WP @ 1 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें. केरल में, चावल में शीथ ब्लाइट रोग को नियंत्रित करने के लिए ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबिन + टेबुकोनाजोल मिश्रण @ 4 ग्राम को 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

अरुणाचल प्रदेश में, ओवरहेड सिंचाई से बचें, आलू पर पछेती झुलसा रोग की रोकथाम के लिए मेटालैक्सिल-एम 8% + मेन्कोजेब 64% डब्ल्यूपी @ 2.5 ग्राम/लीटर पानी या रिडोमिल गोल्ड एमजेड 68% डब्ल्यूपी @ 2.5 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव करें.

 

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