चना-मसूर और अलसी के खेत में नहीं किया ये काम तो बर्बाद हो जाएगी खड़ी फसल

चना-मसूर और अलसी के खेत में नहीं किया ये काम तो बर्बाद हो जाएगी खड़ी फसल

अगर आप किसान हैं और रबी सीजन वाली दलहन-तिलहन फसलों की खेती करते हैं तो उनकी देखभाल बहुत जरूरी है. कई बार समय से पहले तापमान में बढ़ोतरी और बेमोसम बारिश में इनका ध्यान कैसे रखना है इस पर बात करते हैं.

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नयन त‍िवारी
  • Noida,
  • Jan 24, 2025,
  • Updated Jan 24, 2025, 2:36 PM IST

जनवरी का मौसम समाप्त होने जा रहा है. फरवरी के महीने में अधिकांश रबी की फसलें तैयार होने की स्टेज पर होती हैं. अगर आपने अलसी, चना और मसूर जैसी फसलों की खेती की है तो ये महीना इन फसलों के लिए काफी नाजुक माना जाता है. इन दिनों तापमान और वातावरण का सीधा असर फसलों पर देखा जाता है. इन दिनों कई बार बेमौसम बारिश या फिर अचानक से तापमान गिर जाता है. दोनों ही स्थिति में इन फसलों को काफी नुकसान होता है. आइए जान लेते हैं कि चना, मसूर और अलसी के खेत का ध्यान कैसे रखें. 

इन बातों का रखें ध्यान

चना, मसूर और अलसी रबी सीजन की खास फसलें हैं. इन फसलों की खेती आसानी से कर सकते हैं इन्हें अधिक खाद-पानी की भी जरूरत नहीं होती है. लेकिन कई बार मौसम का असर इन फसलों पर भी पड़ जाता है. शुरुआती समय में इन फसलों के लिए शुष्क एवं ठंडी जलवायु अधिक उपयुक्त होती है. अगर आपके क्षेत्र में बारिश का पूर्वानुमान है तो खेत की मेड़ काट कर रखें ताकि खेत में जल भराव ना होने पाए. अगर रात में बारिश हो गई और खेत में पानी भर गई तो पूरी फसल खराब हो सकती है.

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इसके अलावा खेत में खरपतवार की सफाई नहीं की है तो भी फसल को नुकसान हो सकता है. चना, मसूर और अलसी के खेत में उगने वाले खरपतवार तेजी से बढ़ते हैं. अगर इनकी सफाई नहीं की गई तो ये पौधों को दबा देते हैं जिससे फसल डैमेज हो सकती है और पैदावार प्रभावित हो सकती है.

कब और कैसे करें सिंचाई

हमने पहले भी बताया कि रबी सीजन की इन फसलों को अधिक देखभाल की जरूरत नहीं होती है लेकिन इनकी कम से कम 2 बार की सिंचाई जरूरी है. चना, मसूर और अलसी के खेत की पहली सिंचाई बुवाई के लगभग एक महीने बाद की जाती है और दूसरी सिंचाई तब करें जब पौधों पर फूल आने लगे. ध्यान रहे इन फसलों की सिंचाई खेत में पानी छोड़कर करने की बजाय स्प्रिंकलर सिंचाई करें. आप समझ गए होंगे कि इन फसलों को अधिक पानी से बचाकर रखना है. 

कब तैयार होती हैं ये फसलें

ये दलहन और तिलहन फसलें होती हैं. इन फसलों को तैयार होने में 90-120 दिन का समय लगता है. अगर आपने अक्तूबर-नवंबर के महीने में  चना, मसूर और अलसी की खेती की है तो फरवरी के आखिरी सप्ताह तक ये फसलें तैयार होने लगती हैं. 

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