दुनियाभर में लगातार तकनीक का विकास देखा जा रहा है, खेती का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. खेतों की जुताई से लेकर कटाई तक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं अब आप किसी भी मौसम में किसी भी फसल की खेती कर सकते हैं इसके लिए कई खास तकनीक है. इस खबर में हम नेट हाउस पर चर्चा करने जा रहे हैं. अगर आप नियमित खेती करते हैं तो ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और नेट हाउस के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन इसके फायदे और सेटअप से जुड़ी जानकारी के बारे में कम लोग ही जान पाए हैं.
नेट हाउस में आप बागवानी फसलों की खेती कर सकते हैं जैसे फल-सब्जी और मसाले. नेट हाउस के भीतर उगाई गई फसलों में किसी तरह के कीट और रोग का खतरा नहीं होता या बिल्कुल कम होता है. आपको बता दें कि नेट हाउस के भीतर आप तेज धूप और तेज हवाओं से पौधों की सुरक्षा होती है. फसलों को चूहों से भी बचाया जा सकता है. नेट हाउस के भीतर उगाई गई फसलों की ना सिर्फ पैदावार बढ़ती है बल्कि उनकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी बताई जाती है.
नेट हाउस के फायदे जानने के बाद ये भी बता देते हैं कि इसे आप अपने खेतों में कैसे लगा सकते हैं. आपको बता दें कि नेट हाउस वन टाइम इन्वेस्टमेंट होता है, लेकिन पहली बार भारी-भरकम खर्च आता है. नेट हाउस लगाने के लिए आपको एक फाइल तैयार कर नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि संबंधित शासकीय कार्यालय में जाना होता है. वहां से आपके दस्तावेज की जांच के बाद एक्सपर्ट खुद आएंगे आपके खेत में सेटअप तैयार करने. नेट हाउस में लोहे और नेट से एक स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है.
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इसके बाद खेतों की जुताई के बाद इसमें मल्चिंग तकनीक और ड्रिप इरिगेशन तकनीक का भी सेटअप किया जा सकता है. एक एकड़ के खेत में नेट हाउस तैयार करने में लगभग 30 लाख रुपये का खर्च आता है. और एक बार तैयार होने के बाद लगभग 20 सालों से भी अधिक समय तक चल सकता है. अगर नेट फट जाए तो सिलने या बदलने की व्यवस्था भी होती है.
नेट हाउस बनवाने के लिए भारी-भरकम खर्च सुनकर आप डिमोटिवेट ना हों. सरकार की ओर से इस तरह की तकनीक को बढ़ाने देने के लिए किसानों को सब्सिडी देने का भी प्लान होता है. आप अपने राज्य की संबंधित कृषि विभाग की वेबसाइट पर विजिट कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा आप कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं. अलग-अलग राज्यों में सब्सिडी का प्लान भी अलग-अलग होता है. कई राज्यों में 75-80 फीसदी सब्सिडी भी दी जाती है.
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