घास के बारे में आपने काफी सुना होगा, लेकिन क्या कभी बिच्छू घास के बारे में सुना है. दरअसल, यह एक प्रकार का जंगली पौधा है, जिसे छूने पर करंट जैसा अनुभव होता है. इसका वैज्ञानिक नाम अर्टिका हाइओका है. इसे उत्तराखंड के कुमाऊं में सिसूण और गढ़वाल में कंडाली कहते हैं. इस पौधे से बिच्छू के डंक जैसा अनुभव होने के कारण इसे बिच्छू घास कहते हैं. पहाड़ों में बिच्छू घास (सिसोन) बहुत अधिक मात्रा में होती है. अमूमन इसका इस्तेमाल बच्चों को डराने में या सब्जी बनाने में होता है. आईआईटी, मंडी, हिमाचल प्रदेश के शोधकर्ताओं ने बिच्छू बूटी और रेशायुक्त घास से धागा तैयार करने की शुरूआत की है इसके फाइबर से उच्च गुणवत्ता का कपड़ा बनेगा. यह कपड़ा सर्दी में गर्म रखेगा और गर्मी में शीतलता प्रदान करेगा.
बिच्छू घास एक बारहमासी जंगली जड़ी-बूटी है, जिसे अक्सर खरपतवार या बेकार समझा जाता है. लेकिन यह औषधीय जड़ी-बूटी परिवार से जुड़ा हुआ है. यह मुख्य रूप से एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है. इस पौधे के पत्ते, जड़ और तने सब उपयोगी होते हैं. सर्दी, खांसी, बुखार, शरीर में कमजोरी, मोच, जकड़न, मलेरिया के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है.दर्द होने पर पेनकिलर के रूप में भी इसका उपयोग होता है.
ये भी पढ़ें: किसानों की आय डबल करने में आगे हैं ये दो राज्य, पिछले 7 साल में इतनी बढ़ी कमाई
पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी साग-सब्जी बनायी जाती है. इसकी तासीर गर्म होती है और यह पालक के साग की तरह स्वादिष्ट होती है. इसमें विटामिन 'ए', 'बी', 'डी', आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, जिंक, कॉपर, राइबोफ्लेविन आदि तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं. बिच्छू घास स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. इसमें बहुत से विटामिन और मिनरल के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट भी पाये जाते हैं.
बिच्छू घास की चायः बिच्छू घास की बनी हर्बल चाय का फ्लेवर खीरे की तरह होता है. यह सर्दी-खांसी एवं बुखार में तुरंत आराम देती है.
हृदय को रखे स्वस्थः इसकी बूटी में मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है, जो हृदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होता है.
घावों को भरने में है कारगरः इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व पाये जाते हैं, जो घाव को शीघ्र भरते हैं.
कैंसररोधी गुणः इसमें कैंसररोधी गुण पाये जाते हैं और कई प्रकार के कैंसर की रोकथाम में यह प्रभावी है.
हड्डियों की मजबूतीः इसमें कैल्शियम और विटामिन 'डी' पाये जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में फायदेमंद हैं.
खून की कमी को दूर करने में उपयोगीः इसमें मौजूद आयरन से खून की कमी दूर होती है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती भी है.
ये भी पढ़ें: नासिक की किसान ललिता अपने बच्चों को इस वजह से खेती-किसानी से रखना चाहती हैं दूर