Kharif Sowing: धान, दलहनी फसलों के रकबे में इजाफा, बाजरा और तिलहन की बुवाई घटी

Kharif Sowing: धान, दलहनी फसलों के रकबे में इजाफा, बाजरा और तिलहन की बुवाई घटी

Kharif Sowing: कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर, खरीफ की बुवाई अब तक 4 प्रतिशत बढ़ी है. जो ताजा आंकड़ें आए हैं उसके अनुसार, 25 जुलाई तक बुवाई का रकबा 829.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 797.7 लाख हेक्टेयर था. 18 जुलाई तक सीजन का रकबा भी 4 प्रतिशत ज्‍यादा था.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 29, 2025,
  • Updated Jul 29, 2025, 9:24 AM IST

25 जुलाई को खत्‍म हुए हफ्ते के दौरान खरीफ की बुवाई की गति में सुधार हुआ है. ताजा आंकड़ों के अनुसार 121 लाख हेक्टेयर (एलएच) क्षेत्र में बुवाई पूरी हो चुकी है जबकि पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 110 लाख हेक्टेयर था. इससे देश में करीब 1,097 लाख हेक्टेयर के सामान्य क्षेत्रफल का 75 फीसदी बुवाई क्षेत्र कवर हो गया है. धान, मूंग और मक्का उन फसलों में शामिल हैं जिनके रकबे में सबसे ज्‍यादा इजाफा देखा गया है. जबकि कपास, सोयाबीन, अरहर और उड़द का रकबा पिछले साल की तुलना में कम बना हुआ है. 

बुवाई में 4 फीसदी का इजाफा 

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर, खरीफ की बुवाई अब तक 4 प्रतिशत बढ़ी है. जो ताजा आंकड़ें आए हैं उसके अनुसार, 25 जुलाई तक बुवाई का रकबा 829.4 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 797.7 लाख हेक्टेयर था. 18 जुलाई तक सीजन का रकबा भी 4 प्रतिशत ज्‍यादा था. कृषि विभाग के अनुसार इस बार भी दलहन का रकबा बढ़ा है. खरीफ सीजन में मुख्य अनाज धान की बुवाई का क्षेत्रफल एक साल पहले के 216.2 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 245.1 लाख हेक्टेयर हो गया है और इसमें 13.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 

दलहन का रकबा बढ़ा 

दलहन की बुवाई का क्षेत्रफल 89.9 लाख हेक्टेयर से 3.5 प्रतिशत बढ़कर 93.1 लाख हेक्टेयर हो गया है. आंकड़ों के अनुसार दलहन श्रेणी में, उड़द की बुवाई का क्षेत्रफल 17.8 लाख हेक्टेयर से 6.7 प्रतिशत घटकर 16.6 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले के 38 लाख हेक्टेयर से 8.1 प्रतिशत घटकर 34.9 लाख हेक्टेयर हो गया. लेकिन मूंग की बुवाई का क्षेत्रफल 26.4 लाख हेक्टेयर से 16.1 प्रतिशत बढ़कर 30.6 लाख हेक्टेयर हो गया. 

बाजरा में कोई बदलाव नहीं 

वहीं अगर पोषक या मोटे अनाजों की बात करें तो इनके रकबे में भी इजाफा हुआ है. मोटे अनाजों का रकबा 155 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 160.7 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है यानी इसमें 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मक्का का रकबा 8.4 प्रतिशत बढ़कर 78.9 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 85.6 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसी तरह ज्वार का रकबा 12.3 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं बाजरा के रकबे में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है और वह 55 लाख हेक्टेयर पर स्थिर है. 

तिलहन और कपास में गिरावट 

बात करें तिलहन की तो इसका रकबा 170.7 लाख हेक्टेयर से कम होकर 166.9 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार इसमें 2.2 फीसदी की गिरावट आई है. इसी तरह से सोयाबीन का रकबा 121.4 लाख हेक्टेयर से 3.8 प्रतिशत घटकर 116.7 लाख हेक्टेयर हो गया है. हालांकि मूंगफली के रकबे में 40.8 लाख हेक्टेयर से हल्‍का इजाफा हुआ है और यह 41.2 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. जबकि सूरजमुखी का रकबा एक साल पहले के 0.59 लाख हेक्टेयर से थोड़ा कम होकर 0.56 लाख हेक्टेयर हो गया है. कपास का रकबा भी 2.2 प्रतिशत घटकर 105.5 लाख हेक्टेयर से 103.2 लाख हेक्टेयर रह गया. 

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