India UK FTA: एक समझौते ने खोल दिए हल्दी किसानों के लिए उम्‍मीदों के दरवाजे, जानें कैसे

India UK FTA: एक समझौते ने खोल दिए हल्दी किसानों के लिए उम्‍मीदों के दरवाजे, जानें कैसे

India UK FTA: एफटीए का फायदा इस क्षेत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2030 तक बोर्ड के लिए तय 5,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद देगा. ग्‍लोबली हल्दी का औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 13 लाख टन है और भारत का योगदान इसमें करीब 80 फीसदी है. भारत के बाद चीन का नंबर है तो 8 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है. 

क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 29, 2025,
  • Updated Jul 29, 2025, 2:17 PM IST

भारत और ब्रिटेन के बीच पिछले दिनों हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के साइन हुआ है. इसके साथ ही देश के हल्दी किसानों को उम्मीद है कि एक मजबूत प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ एक नया और ऐसा बाजार उन्‍हें मिलेगा जो अभी तक उनकी पहुंच से दूर था. ऐसे में किसान बेहतर कीमतें मिलने की उम्‍मीदें भी लगाए हैं. उन्‍हें उम्‍मीद है कि एफटीए से अब उन्‍हें बेहतर कीमतें मिल सकेंगी. भारत हल्दी निर्यात में अग्रणी है लेकिन अभी तक ब्रिटेन उन टॉप 5 इंपोर्टर्स में शामिल नहीं है जो भारत से हल्‍दी आयात करता हो. ऐसे में किसानों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं. 

भारत का 80 फीसदी योगदान 

अखबार बिजनेस लाइन ने हाल ही में बने हल्दी बोर्ड के अध्यक्ष पल्ले गंगाधर रेड्डी के हवाले से बताया कि हल्दी के लिए एफटीए का फायदा इस क्षेत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2030 तक बोर्ड के लिए तय 5,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद देगा. ग्‍लोबली हल्दी का औसत वार्षिक उत्पादन लगभग 13 लाख टन है और भारत का योगदान इसमें करीब 80 फीसदी है. भारत के बाद चीन का नंबर है तो 8 प्रतिशत हल्दी का उत्पादन करता है. 

कहां-कहां निर्यात हुई हल्‍दी 

आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत से करीब 1.37 लाख टन हल्दी का निर्यात किया गया. इसमें बांग्लादेश को 26,285 टन, यूएई को को 22,062 टन, मलेशिया को 6419 टन और अमेरिका को 6689 टन हल्दी का निर्यात शामिल है. बाकी निर्यात दूसरे देशों को किया गया. घरेलू बाजार में हल्दी की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है. ब्रिटेन को भारतीय हल्दी के टैरिफ फ्री निर्यात का रास्‍ता अब खुल गया है् इससे भारत के उत्पादकों और निर्यातकों के लिए बेहतर अवसर पैदा होने की उम्मीद है. 

भारतीय निर्यातक अब घरेलू उत्पादकों से इसे अधिक मात्रा में खरीदेंगे. इससे बाजार में मांग और कीमत में सुधार हो सकता है. साथ ही किसानों को हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 सीजन में देश में करीब 11.16 लाख टन हल्दी का उत्पादन हुआ. इसके प्रमुख उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा आदि शामिल हैं. 

किन राज्‍यों में होती है खेती 

अनुमान के मुताबिक 2024-25 सीजन के दौरान, तमिलनाडु में हल्दी का उत्पादन 1.45 लाख टन, तेलंगाना में 1.33 लाख टन और कर्नाटक में 1.07 लाख टन रहा. आंध्र प्रदेश और महाराष्‍ट्र देश की लगभग एक-चौथाई हल्दी का उत्पादन करते हैं. किसानों ने बेहतर आय की उम्मीद में हल्दी का स्टॉक रखा है, जबकि व्यापारी अब निर्यात मांग पर कड़ी नजर रख रहे हैं. वहीं  खरीदार वर्तमान में सिर्फ तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ही हल्दी खरीद रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, फरवरी से अप्रैल 2026 के दौरान, जब नई फसल की कटाई होगी, हल्दी की कीमत 11900-12300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रह सकती है. 

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