भारत में हरी मिर्च का मसालों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि चटपटे भोजन का स्वाद लेना हो तो मिर्च सबसे जरूरी चीजों में से एक है. मिर्च न केवल भोजन का एक अहम हिस्सा है बल्कि सेहत के लिए भी कई गुणों से भरपूर होता है. सेहत के गुणों के खजाने से भरी मिर्च को मसाले, दवाई और अचार के लिए प्रयोग किया जाता है. इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन में होती है. यदि किसान इसकी व्यावसायिक रूप से खेती करें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
अगर आप भी मिर्च की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत किस्म 912 गोल्ड का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से मिर्च के बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन मिर्च की उन्नत किस्म 912 गोल्ड का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
हाइब्रिड मिर्च की 912 गोल्ड किस्म के पौधे मजबूत होते हैं. इसके फल हल्के हरे रंग के के होते हैं जिनकी लंबाई 8-10 सेमी. तक होते हैं. वहीं इसके फल अधिक तीखे नहीं होते हैं. साथ ही इस किस्म की खेती एमपी, यूपी, गुजरात, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और सभी उत्तर पूर्वी राज्य में की जाती है.
अगर आप भी मिर्च की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो हाइब्रिड मिर्च की 912 गोल्ड किस्म की खेती कर सकते हैं. इसका 10 ग्राम का पैकेट फिलहाल 40 फीसदी छूट के साथ ये पैकेट मात्र 175 रुपये में ऑनलाइन मिल जाएगा. ऐसे में आप इस बीज को घर बैठे ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.
मिर्च की हाइब्रिड मिर्च की 912 गोल्ड किस्म की खेती आप साल में कभी भी कर सकते हैं. मिर्च की खेती में देखभाल बहुत जरूरी होती है. यदि आप बुवाई करना चाह रहे हैं तो बीज खरीद कर खुद अपने यहां मिर्च की नर्सरी तैयार कर सकते हैं. वहीं इसकी बुवाई क्यारियां बनाकर दो-दो फिट की दूरी पर करनी चाहिए. दो बेडो के बीच दो से 3 फीट की दूरी होनी चाहिए. साथ ही मिर्च में पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तो कीटनाशक का छिड़काव कर देना चाहिए. ऐसे में मिर्च का पौधा 9 से 10 महीने में फसल बिक्री के लिए तैयार हो जाएगा.