'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल में गड़बड़ी, धान बेचने में किसानों को हो रही परेशानी

'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल में गड़बड़ी, धान बेचने में किसानों को हो रही परेशानी

'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' (एमएफएमबी) पोर्टल के माध्यम से समय पर अपनी भूमि का विवरण दर्ज कराने के बावजूद, करनाल और आसपास के जिलों के कई किसानों को राजस्व अधिकारियों द्वारा लंबित भूमि सत्यापन और पोर्टल पर डेटा के गलत मिलान के कारण अनाज मंडियों में प्रवेश नहीं मिल रहा है.

हर‍ियाणा में 15 नवंबर को खत्म हो जाएगी धान खरीद. हर‍ियाणा में 15 नवंबर को खत्म हो जाएगी धान खरीद.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 04, 2025,
  • Updated Oct 04, 2025, 1:53 PM IST

हरियाणा के सभी जिलों में 22 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. लेकिन कई जिलों में किसानों को धान बेचने में दिक्कत हो रही है. दरअसल, 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' (एमएफएमबी) पोर्टल के माध्यम से समय पर अपनी भूमि का विवरण दर्ज कराने के बावजूद, करनाल और आसपास के जिलों के कई किसानों को राजस्व अधिकारियों द्वारा लंबित भूमि सत्यापन और पोर्टल पर डेटा के गलत मिलान के कारण अनाज मंडियों में प्रवेश नहीं मिल रहा है.

MSP से कम दाम पर फसल बेच रहे किसान

इसके अलावा देरी के कारण गेट पास जारी नहीं हो रहे हैं, जिससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं. कई किसान अब या तो सत्यापन के लिए लंबे समय तक इंतजार कर रहे हैं या निजी खरीदारों को एमएसपी से कम कीमत पर अपनी उपज बेच रहे हैं. किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और सत्यापन में तेजी लाने की अपील की है.

इन जिलों में पोर्टल पर हुए इतने रजिस्ट्रेशन

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खरीफ सीजन के लिए 12.7 लाख किसानों ने एमएफएमबी पोर्टल पर 73.48 लाख एकड़ भूमि रजिस्टर्ड की है. हालांकि, 30.83 लाख एकड़ में विसंगतियां पाई गईं हैं. इनमें से केवल 5.94 लाख एकड़ का ही सत्यापन हो पाया है, जबकि लगभग 24.89 लाख एकड़ का सत्यापन अभी बाकी है.

अकेले गैर-बासमती धान के लिए 4.83 लाख किसानों ने 28.80 लाख एकड़ भूमि का रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें से 24.59 लाख एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है और 4.20 लाख एकड़ भूमि अभी भी मंजूरी का इंतज़ार कर रही है. करनाल जिले में 63,488 किसानों ने 4.56 लाख एकड़ भूमि का रजिस्ट्रेशन  कराया है, जिसमें से अब तक 4.43 लाख एकड़ भूमि का सत्यापन हो चुका है. इसके अलावा कैथल में 4.01 लाख एकड़ भूमि का रजिस्ट्रेशन  हुआ, जिसमें से 3.79 लाख एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ है, जबकि कुरुक्षेत्र में 3.15 लाख एकड़ भूमि का रजिस्ट्रेशन  हुआ और 3.06 लाख एकड़ भूमि का सत्यापन हुआ.

किसानों को नहीं मिल रहे गेट पास

किसान यशपाल मक्कड़ ने कहा कि उन्होंने 7 जुलाई को सभी विवरण दर्ज करा दिए थे, लेकिन सत्यापन न होने के कारण उन्हें  करनाल अनाज मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए गेट पास नहीं मिला. उन्होंने तहसील कार्यालय से लेकर पटवारी और डीडीए तक, हर जगह चक्कर काट लिया, लेकिन अभी भी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि समय पर पूरा ब्योरा अपलोड करने के बाद भी उनकी फसल का डेटा सत्यापित नहीं हुआ है. ऐसे में गेट पास के बिना वो अपनी धान की फसल नहीं बेच पा रहे हैं.  

एमएफएमबी पोर्टल पर मिली शिकायतें

करनाल मंडी समिति की सचिव आशा रानी ने स्वीकार किया कि शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि ऑनलाइन तकनीक के तहत उचित मंजूरी के बिना गेट पास जारी नहीं किए जा सकता. करनाल के कृषि उप निदेशक (डीडीए) डॉ. वज़ीर सिंह ने कहा कि किसानों का मार्गदर्शन करने के लिए टीमें तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि हम पोर्टल पर दी गई जानकारी की पुष्टि करने में किसानों की मदद कर रहे हैं. किसानों को अपने मोबाइल फोन से भी जानकारी की जांच करनी चाहिए.

करनाल के डीसी उत्तम सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा दावा की गई फसलों का सत्यापन चल रहा है. सभी संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं. हम निष्पक्ष और पारदर्शी खरीद तय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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