पंजाब में धान की फसल में स्‍मॉल स्‍मट रोग के लिए सरकार ने दिया PAU को दोष, विशेषज्ञों ने बताई असली वजह

पंजाब में धान की फसल में स्‍मॉल स्‍मट रोग के लिए सरकार ने दिया PAU को दोष, विशेषज्ञों ने बताई असली वजह

बाढ़ के कारण धान की फसल को पहले ही भारी नुकसान हुआ है. अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में धान की फसल प्रभावित हुई है. यहां करीब 5 लाख एकड़ जमीन पूरी तरह से नष्‍ट हो गई है. साथ ही खेतों में जमा रेत के कारण रबी की फसल गेहूं की बुवाई पर भी संकट के बादल छा गए हैं.  पूर्व कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने कहा कि पूरे राज्य में धान की फसल इस बीमारी से प्रभावित हुई है.

धान की फसल धान की फसल
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 03, 2025,
  • Updated Oct 03, 2025, 3:40 PM IST

बाढ़ के बाद धान की फसल में स्‍मॉल स्‍मट रोग पंजाब के किसानों के लिए नई मुसीबत बन गया है. कृषि विशेषज्ञों ने अब इसकी वजह बताई है. विशेषज्ञों ने अब किसानों की उस एक गलती के बारे में बताया है जिसकी वजह से यह नई चुनौती सामने आई है. आपको बता दें कि पंजाब में इस बार समय से पहले ही धान की आवक शुरू हो गई है लेकिन इस नई बीमारी की वजह मंडियों में जो मात्रा पहुंचनी चाहिए, वह नहीं पहुंच रही है. 

इस वजह से हुई बीमारी 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ के कारण राज्य के किसान एंटी-फंगल का छिड़काव नहीं कर पाए, जिससे फाल्स स्मट (हल्दी रोग) रोग पैदा हो गया. अखबार हिंदुस्‍तान टाइम्‍स ने सुल्तानपुर लोधी से विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह के हवाले से बताया है कि पिछले दिनों विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने किसानों को इस स्थिति से बचने के लिए कोई सलाह जारी नहीं की है. 

25 फीसदी फसल बर्बाद 

विधायक के अनुसार, लगातार बारिश के कारण बाढ़ आने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अब हल्दी रोग ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. उनका कहना था कि इस बीमारी के कारण 25 फीसदी बर्बाद हो गई है. दाखा से विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने भी यह मुद्दा उठाया. रिपोर्टों के अनुसार, पकने और कटाई के चरण में पहुंच चुकी धान की फसल में फाल्स स्मट रोग लग गया है और इससे पूरे राज्य में बड़े स्‍तर पर नुकसान हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग के कारण फसल की उपज में लगभग 5 से 6 फीसदी की हानि हुई है, जो कुल उपज और फसल लागत के हिसाब से बहुत बड़ी है. 

PAU और कृषि विभाग की राय अलग 

इस मसले पर पीएयू और राज्य कृषि विभाग की राय अलग-अलग है. राज्य की दोनों संस्थाओं ने माना कि इस बीमारी का प्रकोप व्यापक है.  पीएयू के पैथोलॉजिस्ट मनदीप सिंह हुंजन के अनुसार, लगातार बारिश के कारण किसान फसल पर एंटी-फंगल का छिड़काव नहीं कर पाए. उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया कि नुकसान बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा, "मेरे विचार से, जहाँ भी नकली स्मट का प्रकोप हुआ है, वहां लगभग 2 प्रतिशत अनाज को नुकसान हुआ है.

चीनी बौना रोग भी बना मुसीबत 

बाढ़ के कारण धान की फसल को पहले ही भारी नुकसान हुआ है. अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में धान की फसल प्रभावित हुई है. यहां करीब 5 लाख एकड़ जमीन पूरी तरह से नष्‍ट हो गई है. साथ ही खेतों में जमा रेत के कारण रबी की फसल गेहूं की बुवाई पर भी संकट के बादल छा गए हैं.  पूर्व कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने कहा कि पूरे राज्य में धान की फसल इस बीमारी से प्रभावित हुई है. पन्नू ने कहा, 'न सिर्फ  नकली स्मट, बल्कि फसल को चीनी बौना रोग भी हुआ है जिसकी कृषि विभाग और पीएयू ने रिपोर्ट नहीं की है.' 

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