मालवा क्षेत्र के किसानों के लिए इस बार की कपास की पहली तुड़ाई राहत लेकर आई है. औसतन 1.5 क्विंटल प्रति एकड़ की पैदावार ने किसानों और विशेषज्ञों में खुशी बढ़ाई है. कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह के अनुसार, पिछले तीन साल की तुलना में इस बार की खरीफ फसल पर कीटों का प्रभाव नहीं पड़ा, जिससे उत्पादन में सुधार की उम्मीद है.
इस साल 1.19 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई थी और बारिश ने 12,000 एकड़ से ज्यादा खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया. बेमौसम बारिश के कारण कपास के दानों में नमी बढ़ गई है और जो किसान ज्यादा नमी वाली फसल ला रहे हैं, उन्हें कम दाम मिल रहे हैं."
'हिंदुस्तान टाइम्स' को एक विशेषज्ञ ने कहा कि इस साल उत्पादन पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अगले 6-7 दिनों में बारिश का अनुमान है.
राज्य कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ने कहा, "पहली तुड़ाई में फसल का रुझान बहुत उत्साहजनक है और किसानों को अच्छी कीमतों के लिए मंडियों में सूखा कपास लाना चाहिए."
कपास की फसल आमतौर पर तीन चरणों में तोड़ी जाती है और कुल मिलाकर प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल उत्पादन होता है. हालांकि, हालिया असमय बारिश ने कुछ इलाकों में फसल को नुकसान पहुंचाया और नमी की अधिकता के कारण क्वालिटी भी प्रभावित हुई है.
अब तक आए कपास में अधिक नमी के कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम मिल रहे हैं. सीसीआई (कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने पहले दिन कोई खरीद नहीं की, क्योंकि अधिक नमी वाली फसल MSP मानकों के बाहर आती है.
पंजाब मंडी बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि सीसीआई ने स्पष्ट किया है कि वह कपास तभी खरीदेगा जब किसान 'कपास किसान' मोबाइल ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएगा.
अधिकारी ने कहा, "हम किसानों को भूमि स्वामित्व के दस्तावेज अपलोड करने और राजस्व अधिकारियों से कपास की खेती के रकबे के बारे में वेरिफिकेशन कराने में सहायता कर रहे हैं. हमारी टीमें संबंधित क्षेत्रों के उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों के साथ संपर्क कर रही हैं ताकि किसी भी शिकायत का निपटारा किया जा सके."
पंजाब जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भगवान बंसल ने बताया कि अधिक नमी के कारण न तो सीसीआई और न ही निजी व्यापारी अच्छे दाम दे रहे हैं. हालांकि, यदि आने वाले दिनों में मौसम ठीक रहता है, तो दूसरी और तीसरी तुड़ाई में फसल की क्वालिटी और दाम दोनों बेहतर हो सकते हैं.
किसानों को सीसीआई से बिक्री के लिए ‘कपास किसान’ मोबाइल ऐप पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है. अब तक 1,625 किसान रजिस्टर हो चुके हैं. रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है, जिससे किसानों को राहत मिली है.
मंडी बोर्ड और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों की मदद कर रहे हैं ताकि रजिस्ट्रेशन और दस्तावेजों में आ रही समस्याओं को जल्द सुलझाया जा सके.