आंध्र प्रदेश सरकार ने खरीफ 2025 के लिए ई-क्रॉप डिजिटल सर्वे के तहत भूमि और फसल रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख अक्टूबर महीने के अंत तक बढ़ा दी है. कृषि निदेशक दिल्ली राव ने बताया कि पंजीकरण की प्रगति अपेक्षा के अनुसार नहीं हो पाई है क्योंकि जमीनी स्तर पर कई चुनौतियां सामने आई हैं. कुल 290 लाख भूखंडों में से अब तक केवल 88 लाख का ही पंजीकरण हो पाया है, जो मात्र 36 प्रतिशत है.
प्रेस रिलीज में राव ने कहा है कि खरीफ 2025 के लिए भूमि और फसल रजिस्ट्रेशन की समयसीमा अब अक्टूबर के अंत तक कर दी गई है. उन्होंने यह भी साफ किया कि सरकार इस बार ई-क्रॉप डिजिटल सर्वे के तहत सभी भूखंडों का 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. राव ने बताया कि अब पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर तय की गई है, जबकि सामाजिक ऑडिट, सुधार और संशोधन की प्रक्रिया 30 अक्टूबर तक की जा सकेगी. इसके बाद अंतिम सूची 31 अक्टूबर को प्रदर्शित की जाएगी.
उनके अनुसार, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर कई कारकों का असर पड़ा है जिनमें रायथु सेवा केंद्र के कर्मचारियों का पुनर्विन्यास और स्थानांतरण, सचिवालय सर्वेक्षणों का भारी कार्यभार, कुछ जिलों में आम की खरीद, बीज और उर्वरक वितरण तथा भारी वर्षा शामिल हैं. जिन जिलों में बेहतर प्रगति हुई है उनमें कृष्णा, ईस्ट गोदावरी और काकीनाडा शामिल हैं जहां 50 प्रतिशत से अधिक पंजीकरण दर्ज किया गया. वहीं वाईएसआर कडपा, चित्तूर, अनकापल्ली, विशाखापट्टनम और अल्लूरी सीतारामराजू जिलों में यह आंकड़ा 22 प्रतिशत से भी कम रहा.
उन्होंने कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि अंतिम तिथि के भीतर खेती योग्य और परती दोनों तरह की भूमि का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि रायथु सेवा केंद्र के कर्मचारियों को अन्य सर्वे में न लगाया जाए. ग्राम राजस्व अधिकारियों (VROs) को सत्यापन कार्य में जोड़ा जाए और जिला कलेक्टर रोज़ाना प्रगति की समीक्षा करें.
निदेशक ने जोर देकर कहा कि ई-क्रॉप डिजिटल सर्वे का डाटा सभी किसान कल्याण और विकास योजनाओं के लिए एकमात्र आधार मंच के रूप में काम करेगा. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिला कलेक्टर निगरानी को और मजबूत करें, जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करें और विभागों के बीच समन्वय बनाकर समय पर पंजीकरण कार्य पूरा कराएं.
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