इस बार खरीफ सीजन में फसलों पर टिड्डियों का कितना खतरा? सर्वे में मिली ये चौंकाने वाली जानकारी 

इस बार खरीफ सीजन में फसलों पर टिड्डियों का कितना खतरा? सर्वे में मिली ये चौंकाने वाली जानकारी 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन टिड्डी चेतावनी संगठन-जोधपुर की ओर से किए गए नियमित सर्वेक्षण के दौरान, देश अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान रेगिस्तानी टिड्डियों की गतिविधियों से मुक्त पाया गया. टिड्डियों की स्थिति पर नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, क्षेत्र सर्वेक्षण करते समय कुल 165 स्थानों को कवर किया गया, जिनमें से ज्यादातर राजस्थान और गुजरात में थे.

फसल के लिए बेहद खतरनाक है ये टिड्डियांफसल के लिए बेहद खतरनाक है ये टिड्डियां
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 17, 2024,
  • Updated May 17, 2024, 2:25 PM IST

किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. आपको बता दें देश के लगभग सभी जिले में जहां गेहूं की खेती की जाती है वहां गेहूं की कटाई का काम पूरा हो चुका है और अब किसान खरीफ फसलों की तैयारी में लग चुके हैं. आपको बता दें खरीफ सीजन में फसलों पर टिड्डियों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. जिस वजह से किसानों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने निकलकर आई है. जहां एक सर्वेक्षण से पता चला है कि देश अभी भी टिड्डियों से मुक्त है, जो कि कुछ वर्ष पहले कृषि उत्पादन के लिए एक गंभीर ख़तरे के रूप में उभरा था.

भारत टिड्डियों के खतरे से मुक्त

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन टिड्डी चेतावनी संगठन-जोधपुर की ओर से किए गए नियमित सर्वेक्षण के दौरान, देश अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान रेगिस्तानी टिड्डियों की गतिविधियों से मुक्त पाया गया. टिड्डियों की स्थिति पर नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, क्षेत्र सर्वेक्षण करते समय कुल 165 स्थानों को कवर किया गया, जिनमें से ज्यादातर राजस्थान और गुजरात में थे. सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है.

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क्या कहता है एफएओ का आंकड़ा

"भारत रेगिस्तानी टिड्डियों की गतिविधियों से मुक्त है." सर्वेक्षण के दौरान, रेगिस्तानी क्षेत्र शुष्क पाया गया, और सूरतगढ़ में कुछ स्थानों पर वनस्पति हरी थी और अन्य सभी स्थानों पर सूखी थी. वैश्विक संस्था एफएओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए उसने कहा कि ईरान, पाकिस्तान, भारत और अफगानिस्तान में स्थिति शांत है. "बलूचिस्तान के उत्तरी क्षेत्र में दलबंद में एक स्थान पर अलग-थलग परिपक्व वयस्क देखे गए हैं." भारत के लिए, कहा कि अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्र में टिड्डियों के प्रजनन के लिए पारिस्थितिक परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं.

2020 में टिड्डियों का खतरा ज्यादा

टिड्डियां स्वभाव से क्रूर होती हैं और अपनी वनस्पति-नष्ट करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं. उनकी बड़े पैमाने पर उपस्थिति संभावित रूप से खाद्य सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकती है. पाकिस्तान में टिड्डियों का खतरा 2020 की शुरुआत में सबसे खराब था, जब देश ने इस खतरे को घोषिराष्ट्रीय आपातकाल कर दिया था.

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कई राज्यों में टिड्डियों का आक्रमण

इसी समय, भारत के कई राज्यों में भी बड़े पैमाने पर टिड्डियों का आक्रमण देखा गया, जैसे राजस्थान, गुजरात, पंजाब के कुछ हिस्से, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र. भारत में टिड्डियों का झुंड पहली बार अप्रैल की शुरुआत में पाकिस्तान की सीमा से लगे राजस्थान के जिलों में देखा गया था. उन्होंने फसल क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचाया और नष्ट कर दिया, लेकिन मुख्य रूप से राजस्थान तक ही सीमित थे. इस बीच, भारत में किसान जल्द ही खरीफ फसलों की बुआई शुरू कर देंगे, या कुछ ने पहले ही शुरू कर दी होगी. धान, मूंग, बाजरा, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन और कपास कुछ प्रमुख खरीफ फसलें हैं.

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