अदरक की ये पांच किस्में खेती के लिए हैं बेहतर, किसानों की बढ़ती है कमाई

अदरक की ये पांच किस्में खेती के लिए हैं बेहतर, किसानों की बढ़ती है कमाई

अदरक जिसकी मांग सर्दियों के दिनों में काफी बढ़ जाती है. अगर आप किसान हैं और इस महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह काम जल्दी कर सकते हैं. आप अदरक की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं.

अदरक की ये पांच किस्में खेती के लिए हैं बेहतरअदरक की ये पांच किस्में खेती के लिए हैं बेहतर
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Dec 03, 2023,
  • Updated Dec 03, 2023, 5:58 PM IST

अदरक जिसकी मांग सर्दियों के दिनों में काफी बढ़ जाती है. अदरक को चाय से लेकर सब्जी बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इससे सौंठ बनाई जाती है, जिसका बाजार में कच्ची अदरक से ज्यादा भाव मिलता है. इस तरह देखा जाए तो अदरक की खेती से किसान आसानी से बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा अदरक का इस्तेमाल मसाले के रूप में चटनी, जैली, शरबत, चाट, सब्जी, अचार तक में किया जाता है. इसके अलावा सालभर बाजार में इसकी मांग बनी रहती है. ऐसे किसान अदरक की खेती आसानी से कर सकते हैं.

इन पांच किस्मों की करें खेती

अगर आप किसान हैं और इस महीने में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह काम जल्दी कर सकते हैं. आप अदरक की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इन उन्नत किस्मों में सुप्रभा, रियो डी जेनेरियो, सुरभि, मरान और अथिरा किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

सुप्रभा किस्म

सुप्रभा किस्म के पौधों के कल्ले अधिक निकलते हैं. इसके कंद का छिलका सफेद और चमकदार होता है. इस किस्म को तैयार होने में 225 से 230 दिनों का समय लगता है. यह किस्म विगलन रोग प्रतिरोधक होता है. इस किस्म से किसानों को प्रति एकड़ 80 से 92 क्विंटल तक पैदावार देती है.

रियो डी जेनेरियो

इस किस्म का छिलका सफेद और चमकदार होता है. इस किस्म की उपज क्षमता 200–230 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. ये किस्म 225 से 230 दिन में तैयार हो जाती है. यह किस्म प्रकंद विगलन रोग के प्रति सहनशील होती है.

सुरभि किस्म

इस किस्म के अदरक की गांठें आकर्षक होते हैं. इस किस्म को पक कर तैयार होने में 225 से 235 दिनों का समय लगता है. यह किस्म प्रकंद विगलन रोग के प्रति सहनशील होता है. इससे आप प्रति एकड़ 80 से 100 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

मरान किस्म

ये किस्म हल्के सुनहरे रंग की होती है. वहीं ये 230-240 दिन में तैयार हो जाती है. इस किस्म की उपज क्षमता 175 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म में मृदु विगलन रोग नहीं लगता है. मृदु विगलन रोग में पत्तियों का रंग पीला पड़ जाता है और पत्तियां सूख जाती है.

अथिरा किस्म

इस किस्म की फसल को तैयार होने में करीब 220 से 240 दिनों का समय लगता है. प्रति एकड़ खेत से 84 से 92 क्विंटल तक अदरक की उपज होती है. इससे करीब 22.6 प्रतिशत सूखी अदरक, 3.4 प्रतिशत की मात्रा प्राप्त होती है. इस किस्म को अच्छी किस्म के रूप में माना जाता है.

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