सप्लाई की कमी से जूझ रही ओडिशा सरकार तमाम कोशिशों के बावजूद भी आलू की कीमत को कम नहीं कर पा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन माझी ने रविवार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की और उनसे आलू की आपूर्ति सामान्य करने को कहा. पिछले एक महीने में यह दूसरी बार है जब माझी ने ममता बनर्जी के सामने यह मामला उठाया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अनुसार माझी ने कहा कि 5 अगस्त को नई दिल्ली में उनकी बैठक के बाद राज्य में आलू की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में ओडिशा फिर से संकट का सामना कर रहा है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, माझी ने बनर्जी से ओडिशा में आलू संकट को हल करने के लिए मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. सीएमओ ने कहा कि बनर्जी ने माझी को आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. पिछले एक महीने से पश्चिम बंगाल से आपूर्ति बाधित होने के कारण ओडिशा में उपभोक्ता आलू की आसमान छूती कीमतों से जूझ रहे हैं. पश्चिम बंगाल पर निर्भरता कम करने के लिए ओडिशा सरकार ने उत्तर प्रदेश से आलू आयात करने की अनुमति दी, लेकिन कथित तौर पर इसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं थी.
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ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव सुधाकर पांडा ने कहा कि हालांकि, सरकार आलू संकट को हल करने के लिए कदम उठा रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि ये कदम पर्याप्त नहीं हैं. समस्या से निपटने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है. शनिवार से सरकार नेफेड से आलू खरीद रही है और डीलरों के माध्यम से 100 रुपये प्रति 3 किलो की रियायती दर पर बेच रही है. खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए बाजारों में छापेमारी कर रहे हैं कि आलू की कीमत 34 रुपये प्रति किलो से अधिक न हो.
आलू विक्रेता रमेश साहू ने कहा कि हमारे लिए 34 रुपये प्रति किलो पर आलू बेचना संभव नहीं है, क्योंकि हम थोक बाजार से उसी दर पर आलू खरीद रहे हैं. हम अपना कारोबार कैसे चला सकते हैं? कई व्यापारी अपनी दुकानें बंद रखना पसंद कर रहे हैं.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि ओडिशा में मोहन माझी सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) के माध्यम से उत्तर प्रदेश से आलू खरीदने का फैसला किया है, क्योंकि राज्य भर के बाजारों में आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. प्रदेश में महंगाई का आलम यह है कि भुवनेश्वर और कटक के बाजारों में आलू की कीमत तीन महीने पहले के 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में कीमत 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है. खास बात यह है कि सरकार अब महंगाई पर लगाम लगाने के लिए खुद ही प्रदेश में 30 रुपये किलो आलू बेचेगी.
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