सरकारी आयोग ने पीली मटर का आयात बैन करने की सिफारिश की, तुअर-उड़द के इंपोर्ट पर दिया ये सुझाव

सरकारी आयोग ने पीली मटर का आयात बैन करने की सिफारिश की, तुअर-उड़द के इंपोर्ट पर दिया ये सुझाव

Pulses Import: कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) ने पीली मटर का आयात बैन करने की सिफारिश की है और साथ ही तुअर, उड़द जैसी दालों के आयात पर भी सुझाव दिए हैं. इसका कारण यह है कि शुल्क मुक्त आयात की अनुमति के बाद से बड़ी मात्रा में पीली मटर दाल का आयात किया गया है और इसका काफी स्टॉक मौजूद है, जिससे घरेलू कीमतों पर असर पड़ता है.

Yellow Pea Import Ban Yellow Pea Import Ban
क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 29, 2025,
  • Updated May 29, 2025, 1:34 PM IST

पिछले कुछ सालों में भारत का दलहन उत्‍पादन मांग के अनुरूप कम हाे रहा है और इसकी वजह से कीमतें आसमान छू रही थीं. इसे देखते हुए केंद्र ने तुअर, उड़द और पीली मटर जैसी दालों के शुल्‍क मुक्‍त आयात को मंजूरी दे रखी है, ताकि उपभोक्‍ताओं को महंगाई से बचाने के लिए कीमतें नियंत्रित की जा सकें. अब पीली मटर के शुल्‍क मुक्‍त आयात की मियाद इसी महीने के अंत में खत्‍म होने जा रही है. इस बीच, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) ने पीली मटर का आयात बैन करने की सिफारिश की है. साथ ही तुअर, उड़द जैसी दालों के आयात पर भी सुझाव दिए हैं. 

घरेलू कीमतों पर असर की वजह से सिफारिश

केंद्र के शुल्‍क मुक्‍त आयात की अनुमति बाद से बड़ी मात्रा में पीली मटर दाल का आयात किया गया है और इसका काफी स्‍टॉक मौजूद है. दालों के आयात पर बैन न होने से और सस्ती कीमतों पर आयात के कारण इनकी घरेलू कीमतों पर असर पड़ता है और किसानों की आय पर इसका बुरा असर पड़ता है. यही वजह है कि CACP ने यह सिफारिश की है. 

सरकार ने मानी MSP बढ़ाने की सिफारिश

'बिजनेसलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, CACP ने कुछ अन्‍य सिफारिशें भी की है, जिनमें किसानों को खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए तुअर (अरहर), मसूर और उड़द जैसी दालों पर आयात शुल्क बढ़ाने का सुझाव शामिल है. CACP ने यह सिफारिश अपनी गैर-मूल्य नीति सिफारिशों के हिस्से के रूप में की है. इसके अलावा आयोग ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए विभिन्न खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में 113.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश की. केंद्र ने आयोग की इस सिफारिश को बुधवार को अपनी मंजूरी दे दी.

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पिछले साल MSP से नीचे गिरी दलहन-तिलहन की कीमतें

आयोग ने टिप्‍पणी करते हुए कहा कि कम और शून्‍य आयात शुल्क पर दालों और खाद्य तेलों के आयात के कारण खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 के दौरान सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग और तुअर की घरेलू कीमतें एमएसपी से नीचे पहुंची हैं. CACP ने कहा कि MSP के साथ आयात शुल्क संरचना को लाइनअप करने से किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी और उन्हें तिलहन और दाल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा. 

दिसंबर 2023 से हो रहा पीली मटर का आयात

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू दलहन उत्‍पादन कम होने के चलते सरकार ने सप्‍लाई बढ़ाने के लिए दिसंबर 2023 में पीली मटर के आयात को मंजूरी दी थी. तब से भारत ने अप्रैल 2025 तक 33 लाख टन से ज्‍यादा पीली मटर का आयात किया है. इसके शुल्‍क मुक्‍त यानी शून्‍य इंपोर्ट ड्यूटी पर आयात की विंडो 31 मई, 2025 तक खुली है, जो अब नजदीक है.

पीली मटर, चना दाल का एक अच्‍छा और सस्‍ता विकल्‍प मानी जाती है. यह चना के अलावा अन्‍य सभी दालों से सस्‍ती है. व्‍यापारियों का कहना है कि सस्ती पीली मटर के भारी आयात के कारण अन्य दालों की मांग पर बुरा असर पड़ रहा है.

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