Pulses Price: ज्‍यादातर दालों की कीमतें MSP के नीचे, इस साल दाम बढ़ने के आसार नहीं, पढ़ें डिटेल्स

Pulses Price: ज्‍यादातर दालों की कीमतें MSP के नीचे, इस साल दाम बढ़ने के आसार नहीं, पढ़ें डिटेल्स

Pulse Prices: भारत में इस साल मॉनसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है, जिससे दलहन फसलों के उत्पादन में वृद्धि हो सकती है. भारत दलहन और अनाज संघ (IPGA) के अध्यक्ष बिमल कोठारी के अनुसार, दालों की कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है क्योंकि फसलें अच्छी हैं और दालों की आपूर्ति भी अच्छी है.

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ज्‍यादातर दालों की कीमतें MSP के नीचे, इस साल दाम बढ़ने के आसार नहीं, पढ़ें डिटेल्सनहीं बढ़ेगी दालों की कीमतें

देश में इस साल भी मॉनसून सीजन में सामान्‍य से ज्‍यादा बारिश का अनुमान है, ऐसे में दलहन फसलों के अच्‍छे उत्‍पादन की संभावना बढ़ गई है. वहीं, दालों की सप्‍लाई भी बढ़‍िया बनी हुई है, जिससे आगामी महीनों में कीमत बढ़ने की संभावना भी नहीं दिख रही है. भारत दलहन और अनाज संघ (IPGA) के अध्यक्ष बिमल कोठारी कहा कहना है कि बाजार में दालों की कीमतें बढ़ने के आसार नहीं है. हमारी फसलें अब तक अच्छी हैं. पूरे साल के दौरान किसी भी दाल की कीमत नहीं बढ़ेगी. 

सरकार ने 6 लाख टन तुअर खरीदी

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, बिमल कोठारी ने कहा कि ज्‍यादातर दालों की कीमतें या तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बराबर हैं या एमएसपी से नीचे हैं. केंद्र सरकार ने इस साल लगभग 5.5 लाख से 6 लाख टन तुअर खरीदी है और इसके बावजूद कीमतें अभी भी एमएसपी से कम हैं. 

MSP के नीचे तुअर दाल का भाव

गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक की अलग-अलग मंडियों में तुअर दाल का भाव खरीफ 2024-25 सीजन के लिए तय एमएसपी 7,550 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले 6 हजार रुपये से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है, जो काफी अंतर को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में दाल की घरेलू सप्‍लाई में कमी के कारण इनकी कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई. इसके बाद सरकार ने कीमतों को कंट्रोल करने के लिए तुअर, उड़द, मसूर और पीली मटर जैसी प्रमुख दालों का आयात शुरू किया.

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68 लाख टन दाल आयात की गई

सरकार ने पिछले साल से अबतक भारी मात्रा में पीली मटर दाल का आयात किया है और अब इस साल मई में इसके शुल्‍क मुक्‍त आयात की मियाद खत्‍म हो जाएगी. वहीं,  तुअर और उड़द का शुल्‍क मुक्‍त आयात मार्च 2026 तक जारी रहेगा. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 68 लाख टन दालों का आयात किया है, जिसकी कीमत 5.4 बिलियन डॉलर से ज्‍यादा है.

IPGA अध्‍यक्ष ने कहा कि राजस्थान में चने का भाव एमएसपी नीचे है, मसूर का दाम भी कम है. ज्‍यादातर दालें एमएसपी से नीचे हैं. इसलिए, चालू वर्ष में कीमतों में कोई बढ़ोतरी होने की संभावना नहीं दिख रही है. वहीं, दालों की उपलब्धता की भी कोई समस्‍या नहीं है. ऐसे में यह उपभोक्ताओं के लिहाज से अच्छी खबर है. 

पीली मटर को लेकर नीत‍ि का इंतजार

बिमल कोठारी ने कहा क‍ि वे पीली मटर के आयात को लेकर सरकार की नीति का इंतजार कर रहे हैं. यह मई के बाद लागू होगी. अब इसमें मुख्‍य सवाल यही है कि क्या फिर से शुल्‍क मुक्‍त आयात जारी रखेगी या शुल्‍क लगाएगी. वहीं, उन्‍होंने आगे कहा कि कई अन्‍य देशों में भी इस बार दालों की अच्‍छी फसल होने का अनुमान है.

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