कृषि मंत्रालय के अधीन सहकारी समिति नेफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर की नियुक्ति के मामले में मंत्रालय की नहीं चली है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से कृषि मंत्रालय के अधिकारी को नियुक्त किया गया था, जिसे एक सप्ताह के बाद नए आदेश में बदल दिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने सहकारिता मंत्रालय के अधिकारी पंकज कुमार बंसल को जिम्मेदारी सौंप दी है. इसके साथ ही कृषि मंत्री के जरिए की गई नियुक्ति खारिज हो गई है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी को सौंपा था. इस आदेश के एक सप्ताह बाद कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सहकारिता मंत्रालय के अधिकारी को इस पद का प्रभार सौंपा है. रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह इसके एकमात्र मंत्री सदस्य हैं.
रिपोर्ट के अनुसार कृषि मंत्रालय ने 23 सितंबर को एक आदेश में मंत्रालय में संयुक्त सचिव मुक्तानंद अग्रवाल को सहकारी समिति नेफेड के एमडी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था. यह आदेश रितेश चौहान के एमडी के पद से हटने के एक दिन बाद जारी किया गया था. सूत्रों ने बताया कि यह आदेश सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से जारी किया गया था. आदेश की कॉपी नेफेड और कार्मिक प्रशिक्षण विभाग को भी भेजी गई थी.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मुक्तानंद अग्रवाल को अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों के अलावा नेफेड के एमडी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. उन्हें इस पद पर नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक जिम्मेदारी मिली थी. हालांकि, वे हरियाणा में चुनाव में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी पर थे. इसलिए कृषि मंत्रालय ने अतिरिक्त सचिव डॉ. प्रमोद कुमार मेहरदा को अग्रवाल के चुनाव ड्यूटी से लौटने तक अतिरिक्त प्रभार संभालने के लिए कहा था. इसके बाद 30 सितंबर को कैबिनेट की नियुक्ति समिति एसीसी ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कृषि मंत्रालय की पसंद के अधिकारी से अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति की सचिव और स्थापना अधिकारी मनीषा सक्सेना की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी ने पंकज कुमार बंसल, आईएएस , अतिरिक्त सचिव, सहकारिता मंत्रालय को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधीन नेफेड के प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपने को मंजूरी दे दी है. यह कार्यभार तत्काल प्रभाव से 3 महीने के लिए या इस पद पर नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक के लिए है.
नेफेड बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम के तहत 1958 में बनी थी. यह कृषि मंत्रालय के अधीन है और कृषि मंत्री संसद में नेफेड से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हैं. नेफेड का बोर्ड अपने एमडी की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार है, लेकिन यह सरकार की ओर से नियुक्त अधिकारी को इस पद पर मंजूरी देता है. सूत्रों ने कहा कि कृषि मंत्रालय की ओर से तय अधिकारी के अलावा किसी अन्य अधिकारी को नेफेड के एमडी का अतिरिक्त प्रभार सौंपने का एसीसी का कदम असामान्य है.
इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कृषि मंत्रालय एसीसी के आदेश तक अंतरिम वैकेंसी को भरने के लिए संयुक्त सचिव कृषि को पूरी तरह से अस्थायी आधार पर प्रभार देता है. अब एसीसी ने सहकारिता को प्रभार दिया है. यह नियमित है. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पिछले साल एसीसी ने 30 अप्रैल 2023 को गुजरात कैडर के भारतीय वन सेवा अधिकारी राजबीर एस. पंवार के रिटायर होने के बाद रितेश चौहान को नेफेड के एमडी के रूप में अतिरिक्त प्रभार देने के कृषि मंत्रालय के फैसले को मंजूरी दे दी थी.