Banana Farmers: महाराष्‍ट्र में क्‍यों बढ़ती जा रही है केले की खेती, असली वजह आई सामने 

Banana Farmers: महाराष्‍ट्र में क्‍यों बढ़ती जा रही है केले की खेती, असली वजह आई सामने 

केले ने अब कीमत के लिहाज से आम को पीछे छोड़ दिया है. साल 2023–24 में स्थिर कीमतों पर केले का ग्रॉस प्रॉडक्‍शन प्राइस 47,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो आम के 46,100 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है. इससे आम का एक दशक से भी ज्‍यादा समय तक बनी बादशाहत खत्‍म हो गई. ऐसे में इस बात पर किसी को भी हैरानी नहीं होनी चाहिए महाराष्‍ट्र के किसान तेजी से अपनी खेती का रकबा बदल रहे हैं.

Green, yellow or brown spots? Find out which banana is bestGreen, yellow or brown spots? Find out which banana is best
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 26, 2025,
  • Updated Nov 26, 2025, 9:04 AM IST

केले की खेती के लिए महाराष्‍ट्र का खासतौर पर जाना जाता है. इस साल राज्‍य में केले की खेती करने वाले किसान खासे खुश हैं और वजह है इसका रकबा बढ़ने की संभावना. महाराष्‍ट्र में खरीद साल 2025 में केले की खेती का रकबा बढ़ने की संभावना है. आकर्षक कीमतें और बढ़ती कारोबारी मांग इसमें बड़ा योगदान देने वाली हैं. Crisil–APEDA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार महाराष्‍ट्र देश के प्रमुख केला उत्पादक केंद्र के तौर पर अपनी स्थिति और मजबूत करेगा. साथ ही भारत के कुल 14.2 मिलियन टन उत्पादन में लगभग 25 फीसदी योगदान देगा.

केले ने आम को पछाड़ा 

केले ने अब कीमत के लिहाज से आम को पीछे छोड़ दिया है. साल 2023–24 में स्थिर कीमतों पर केले का ग्रॉस प्रॉडक्‍शन प्राइस 47,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो आम के 46,100 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है. इससे आम का एक दशक से भी ज्‍यादा समय तक बनी बादशाहत खत्‍म हो गई. ऐसे में इस बात पर किसी को भी हैरानी नहीं होनी चाहिए महाराष्‍ट्र के किसान तेजी से अपनी खेती का रकबा बदल रहे हैं. साल 2024–25 में करीब 1,69,217 एकड़ में केले की खेती की गई थी और इसमें आगे और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

सोलापुर में बढ़ रही खेती 

सोलापुर स्थित बनाना महाकृषि FPC के प्रमोद निर्मल ने अखबार बिजनेसलाइन को बताया, 'इस साल सिर्फ सोलापुर में ही प्लांटेशन 90,000 एकड़ के पार जा सकता है. जलगांव पहले से ही आगे है, लेकिन सोलापुर, नांदेड़ और जामनेर भी बड़े केंद्रों के रूप में तेजी से उभर रहे हैं. वह इस साल ईरान और इराक तक केले का निर्यात कर रहे हैं. सोलापुर के केले के किसानों के लिए इस साल सितंबर में एक बड़ा पल आया था. सोलापुर जिले की ऊले फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी (FPC) की तरफ से उगाए गए 20 मीट्रिक टन केले की पहली पूर्ण-स्तरीय खेप को पहली बार सफलतापूर्वक ओमान एक्‍सपोर्ट किया गया था को निर्यात की गई है. यह निर्यात Vegrow की मदद से संभव हो सका था. 

महाराष्‍ट्र में उगती G9 किस्‍म 

महाराष्‍ट्र, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा केला उत्पादक राज्य है, प्रीमियम G9 केले उगाने वाले कुशल किसानों का केंद्र है. इस किस्में की भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में भी बेहद मांग में रहती है. हालांकि राज्‍य के कुछ हिस्‍सों में किसानों को उनकी उपज की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. नांदेड़ में किसानों को अपनी फसल 2 रुपये से 7 रुपये के बीच बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि बाजार में केले की कीमत 60 रुपये 70 रुपये के बीच है. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!