केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सरकारों से किसानों की कोई भी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे नहीं खरीदने की अपील की है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि फसलों का खरीद मूल्य MSP से नीचे न जाए और इन खरीद में राज्य सरकारों से भी इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा है.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों को तूर, मसूर और उड़द दाल खरीदने की अनुमति दी है, उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के माध्यम से तूर दाल की खरीद का काम चल रहा है. चना, सरसों और मसूर दाल की खरीद पर बोलते हुए चौहान ने जोर देकर कहा कि इनकी खरीद प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा योजना) के माध्यम से की जाएगी.
शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को तूर, मसूर और उड़द दाल खरीदने की अनुमति दे दी है. तूर दाल की खरीद का काम चल रहा है. आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में NAFED और NCCF के माध्यम से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद जारी है. मैं राज्यों से अपील करता हूं कि वे MSP पर खरीद की इस योजना को ठीक से लागू करें. पीएम आशा योजना के तहत चना, सरसों और मसूर की खरीद भी की जाएगी. हमने सरसों की खरीद के लिए अलग-अलग राज्यों को मंजूरी दी है. हमने तमिलनाडु में खोपरा की खरीद के लिए भी मंजूरी दी है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए NAFED और NCCF पोर्टल का उपयोग सुनिश्चित किया है. केंद्र सरकार की ओर से मैं सभी राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी खरीद MSP मूल्यों से नीचे न हो. वहीं, राज्य सरकारों को इन खरीद में प्रभावी सहयोग करना चाहिए. हमारा उद्देश्य किसानों को लाभान्वित करना है और हम इस पवित्र उद्देश्य को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
इससे पहले 21 मार्च को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं. उन्होंने कहा, "मुझे आश्चर्य हुआ कि जवाहरलाल नेहरू ने 1963 तक अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में किसानों का केवल तीन बार उल्लेख किया था." शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान इसकी आत्मा हैं. किसान अन्नदाता हैं. कांग्रेस शासन के दौरान 2004-14 तक दस वर्षों में केंद्रीय कृषि मंत्रालय को 1,51,277 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. एनडीए सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 10,75,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं." (एएनआई)