राजस्थान के श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में गेहूं की सरकारी खरीद में आ रही समस्याओं के चलते किसानों और मंडी व्यापारियों ने गुरूवार को दोनों जिलों की मंडियों को बंद रखने की घोषणा की है. इसीलिए दोनों जिलों की करीब 30 मंडियों में आज किसी भी तरह का कोई काम नहीं हो पा रहा है. किसानों की मांग है कि एफसीआई ने गेहूं खरीद के लिए जो नियम बनाएं हैं, उनमें बहुत तकनीकी परेशानियां किसानों को आ रही हैं. साथ ही इससे मंडी व्यापारी भी परेशान हो रहे हैं. इसीलिए किसानों और व्यापारियों ने ऑफलाइन खरीद करने की मांग के साथ मंडियों में काम बंद कर दिया है.
हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर राजस्थान में गेहूं के दो सबसे बड़े उत्पादक जिले हैं. अखिल भारतीय किसान सभा के नेता रामेश्वर वर्मा से किसान तक ने बात की. वे बताते हैं, “सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए तमाम तरह की शर्तें किसानों पर लाद दी हैं. इसमें सबसे बड़ी मुश्किल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की है. कई जगह सर्वर डाउन हैं. कहीं गिरदावरी की रिपोर्ट नहीं निकल पा रही. साथ ही पोर्टल पर सिर्फ जनआधार कार्ड से ही रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. खरीद केन्द्र के संबंध में किसानों से गलतियां हो रही हैं. इसके अलावा कई जगह पर किसानों के पास ऑनलाइन गिरदावरी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. साथ ही रजिस्ट्रेशन के दौरान आड़तिये का नाम भी दर्ज नहीं किया जा रहा. किसानों को इससे आर्थिक हानि हो रही है.”
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वर्मा जोड़ते हैं कि इस सब के अलावा सरकार ने खरीद पर 25 क्विंटल का बैरियर लगा दिया है. इससे किसान अपनी पूरी उपज नहीं बेच पा रहे हैं. वहीं, हनुमानगढ़ जिला व्यापार संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार जैन ने किसान तक से कहा, “ पहले राजस्थान में बोनस योजना लागू थी. पंजाब और हरियाणा से गेहूं की आवक रोकने के लिए पिछले सालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अपनाई गई थी. लेकिन अब अब राज्य सरकार द्वारा गेहूं खरीद पर बोनस नहीं दिया जा रहा. इसीलिए पंजाब और हरियाणा से गेहूं आने की संभावना नहीं है. इसीलिए सरकार जल्द से जल्द ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करे. साथ ही जनाधार कार्ड, गिरदावरी, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम में बहुत खामियां हैं.”
रामेश्वर वर्मा और कृष्ण जैन एक स्वर में कहते हैं कि हम सरकार से ऑफलाइन खरीद शुरू करने, जनआधार के साथ आधार कार्ज का विकल्प देने, ऑनलाइन गिरदावरी रिपोर्ट के स्थान पर पटवारी द्वारा सत्यापित रिपोर्ट को मानने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग के साथ श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में आज मंडियां बंद रखी गई हैं.
दोनों जिलों के सभी किसान संगठन इस संबंध में अपनी-अपनी मंडियों में धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं. संगठनों का कहना है कि सरकारी जटिल प्रक्रिया के चलते किसान अपनी गेहूं की उपज 1900-2000 हजार रुपये प्रति क्विंटल में बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
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इन्हीं मांगों को लेकर बीते दो-तीन दिन में किसानों ने जिला कलक्टर, स्थानीय विधायकों को भी ज्ञापन दिए हैं. इसीलिए हनुमानगढ़ विधायक विनोद चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर किसानों की समस्या के समाधान की मांग की है. साथ ही हनुमानगढ़ की अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रतिभा देवठिया ने भी जयपुर में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर समर्थन मूल्य पर खरीद से संबंधित ऑनलाइन पोर्टल में बदलाव करने की मांग की है.