राजस्थान में ठंड और कोहरे का घातक असर, 100 बीघे में चिया की फसल खराब

राजस्थान में ठंड और कोहरे का घातक असर, 100 बीघे में चिया की फसल खराब

भीलवाड़ा जिले में पिछले दो दिनों से पड़े पाले (frost) का असर मांडलगढ़ में नजर आया जहां किसानों की 100 बीघा खेतों में खड़ी चिया (chia seeds) की फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं. पाले का असर भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के मोती बोर खेड़ा गांव में भी देखने को मिला जहां कई बीघा में खड़ी सहजन (drumstick) की फसल खराब हो गई.

भीलवाड़ा में चिया की फसल पर पाले का असर देखा जा रहा हैभीलवाड़ा में चिया की फसल पर पाले का असर देखा जा रहा है
क‍िसान तक
  • Bhilwara,
  • Jan 17, 2023,
  • Updated Jan 17, 2023, 3:35 PM IST

राजस्थान में शीतलहर (cold wave) की चपेट में कई जिले आ गए हैं. इसमें नया नाम भीलवाड़ा का जुड़ गया है. रविवार रात और मंगलवार को भीलवाड़ा का न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने से जनजीवन प्रभावित हो गया. वहीं पाला पड़ने से खेतों में खड़ी फसल भी खराब हो गई है. तापमान गिरने से फसलों पर पाले (frost) की मार पड़ रही है. पिछले कई दिनों से ठंड और कोहरे की वजह से खेतों में खड़ी फसलों का भारी नुकसान देखा जा रहा है. 

पिछले दो दिनों से भीलवाड़ा जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड से लोगों की हालत खराब है. रविवार और सोमवार की रात इस मौसम की सबसे सर्द रात रही जब तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. मंगलवार सुबह भीलवाड़ा जिले के कई इलाकों में खेतों में बर्फ जमने और पाला पड़ने से फसलें खराब हो गई हैं. घरों के बाहर खड़ी कारों पर भी बर्फ़ की परतें जम गई हैं. 

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मकर संक्रांति के बाद से ही भीलवाड़ा जिले के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. यहां का तापमान नौ डिग्री सेल्सियस से 0 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. इससे गलन काफी बढ़ चुकी है. आगामी 3 दिनों तक भीलवाड़ा जिले में सर्दी पड़ने का अनुमान लगाया गया है. इससे पहले 5 जनवरी को भीलवाड़ा का न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. 10 साल में पहली बार भीलवाड़ा का तापमान 0 डिग्री दर्ज किया गया है. इससे पहले साल 2015 में भीलवाड़ा का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक गिरा था.

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार राजस्थान समेत उत्तरी राज्यों में ठंड का असर हिमालय क्षेत्र में हिमपात की वजह से देखा जा रहा है. यहां की उत्तरी हवाएं जैसे-जैसे नीचे उतरती हैं, वैसे-वैसे उन राज्यों में ठंड (cold wave) बढ़ जाती है. पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बढ़ने पर उत्तरी ठंडी हवाओं का असर कम होता है और ठंड का असर कम होता है. इस कारण आठ जनवरी के बाद तापमान में बढ़ोतरी हुई थी. जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ का असर कम हुआ, भीलवाड़ा सहित पूरे राजस्थान में शीतलहर जैसे हालात पैदा हो गए.

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मौसम विभाग के अनुसार भीलवाड़ा सहित राजस्थान में आगामी 48 घंटे तक शीतलहर का असर रहेगा जो 18 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के बाद कम होगा. मौसम विभाग ने भीलवाड़ा के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है. येलो अलर्ट के अनुसार रात के साथ-साथ दिन में भी ठंड का अहसास होगा. साथ ही, पाला और शीतलहर फ़सलों को प्रभावित करेगी.

भीलवाड़ा जिले में पिछले दो दिनों से पड़े पाले (frost) का असर मांडलगढ़ उपखंड के विट्ठलपुरा गांव में नजर आया जहां किसानों की 100 बीघा खेतों में खड़ी चिया (chia seeds) की फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं. पाले का असर भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के मोती बोर खेड़ा गांव में भी देखने को मिला जहां कई बीघा में खड़ी सहजन (drumstick) की फसल खराब हो गई. इनकी पत्तियों पर बर्फ की परत जम गई है. इस इलाके में चिया और सहजन की बड़े पैमाने पर खेती होती है. लेकिन कोहरे और ठंड ने इन दोनों फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.(प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट)

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