एमएसपी गांरटी समेत अपनी अलग-अलग मांगों लेकर चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि आज वो अपनी मांगों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. पंजाब के किसान संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अपनी मांगों लेकर तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. एमएसपी की गारंटी समेत किसानों पर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की योजना के तहत सभी किसान चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर जमा हुए हैं. रविवार से ही किसानों का यह विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों की मांग है कि वर्ष 2020-21 में तीन कृषि कानूनों को खिलाफ जब किसान आंदोलन कर रहे थे उस दौरान उनके उपर मामले दर्ज किए गए थे, उन मामलों को वापस लिया जाए. हालांकि तीनों कृषि कानून अब निरस्त किए जा चुके हैं.
इसके साथ ही किसानों की मांग है कि राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे किसानों के आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हो गई थी, उनके परिवार को मुआवजा दिया जाए साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. इसके अलावा कर्ज माफी और किसानों के लिए पेंशन की मांग की जा रही है. आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा अलग-अलग किसान संगठनों को मिलाकर बनाया गया और बड़ा संगठन है.
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विरोध कर रहे किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी मांगों को लेकर उनके नेता मंगवलार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान नेता मंगलवार की सुबह 11 बजे राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौपेंगे. इसके साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन की आगे की रणनीति पर मंगलवार को चर्चा की जाएगी उसके बाद फऐसला किया जाएगा. किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), बीकेयू (लाखोवाल), बीकेयू (दाकुंडा) सहित विभिन्न किसान संगठन भाग ले रहै हैं. सभी सभी संगठन एसकेएम का हिस्सा हैं.
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किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए चंडीगढ़ मोहाली सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. लोगों को परेशानी नहीं हो इसलिए कुछ सड़कों पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया था. इधर हरियाणा के किसान भी पंचकुल को सेक्टर पांच में जमा हुए थे, वहां पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी. रविवार से ही पंजाब के विभिन्न हिस्सों से किसानों का जुटान मोहाली के पास शुरू हो गया था. सभी किसान अपने साथ अपनी जरूरत का सामान जैसे राशन, बिस्तर, खाना बनाने के लिए रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुएं अपने ट्रैक्टर की ट्रॉली और अन्य वाहनों में लेकर आए थे. विरोध कर रहे किसानों ने बीच सड़क पर ही मंच बनाया है.