Maharashtra: भारी बारिश से फसलों का नुकसान, मुआवजे के लिए आंदोलन पर उतरे किसान

Maharashtra: भारी बारिश से फसलों का नुकसान, मुआवजे के लिए आंदोलन पर उतरे किसान

हिंगोली, वास्मत, औंधा, कलमनुरी, सेनगांव समेत इन पांच तहसील क्षेत्रों में बिजली गिरने के साथ भारी बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया है. सबसे ज्यादा नुकसान कपास में झुलसा रोग से होता है. पहले देर से बारिश होने के कारण किसानों को दो बार फसल बोनी पड़ती थी.

Advertisement
Maharashtra: भारी बारिश से फसलों का नुकसान, मुआवजे के लिए आंदोलन पर उतरे किसानCrop Loss

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, हिंगोली में बेमौसम बारिश हो रही है. रात भर हुई मूसलाधार बारिश से कपास, अरहर और ज्वार की फसल को भारी नुकसान हुआ है. औंधा तालुका गोजेगाव में बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई. किसान राजू जायभाये (उम्र 25 वर्ष) किसी काम से खेत में गये थे. लेकिन वह वापस नहीं आए. बाद में खबर आई कि बिजली गिरने से उनकी मौत हो गयी.

वहीं बागवानी खेती को भी भारी नुकसान हुआ है. हवा और बारिश से नींबू और संतरे की भी फसल बर्बाद हो गई है. जिसके बाद किसान पंचनामा भरकर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

कपास की फसलों को हुआ नुकसान

कल रात से हिंगोली, वास्मत, औंधा, कलमनुरी, सेनगांव समेत इन पांच तहसील क्षेत्रों में बिजली गिरने के साथ भारी बारिश हो रही है. लगातार हो रही बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया है. सबसे ज्यादा नुकसान कपास में झुलसा रोग से होता है. पहले देर से बारिश होने के कारण किसानों को दो बार फसल बोनी पड़ती थी. इसके बावजूद समय पर बारिश नहीं होने से सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान हुआ. और अब बेमौसम बारिश ने गेहूं और कपास की फसल बर्बाद हो गई.

ये भी पढ़ें: देश में घट गया गेहूं का रकबा, चने और मक्के की बुवाई में भी भारी गिरावट, ये रहे आंकड़े

हिंगोली में किसान कर रहे आंदोलन

इस साल किसान आसमानी और सुल्तानी दोनो संकटो सें लड़ रहे है. कुदरत कि मार सें फसले बर्बाद हो गई,और बची सोयाबीन कपास कि फसलो को सही भाव ना मिलने के कारण हिंगोली में किसान आंदोलन कर रहे है. कुछ दिन पहले सेंनगांव तहसील इलाके के 10किसानों नें सोयाबीन और कपास कि फसलो को अच्छा भाव देने और कर्ज माफ़ी के लिए सरकार के खिलाफ अपने शरीक आँख, किडनी,लिवर जैसे अवयव बेचने का आंदोलन किया था. 

विरोध करने मुंबई पहुंचे किसान

लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, अब वो किसान विरोध करने के लिए मुंबई चले गए हैं. अब यह देखना अहम होगा कि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार किसानों को इन दोनों संकटों से निकालने के लिए क्या कदम उठाती है.

POST A COMMENT