Amla orchards: बंजर-ऊसर भूमि में लगाएं ये बाग और पाएं भरपूर फल, एक्सपर्ट ने दिए मुनाफे के टिप्स

Amla orchards: बंजर-ऊसर भूमि में लगाएं ये बाग और पाएं भरपूर फल, एक्सपर्ट ने दिए मुनाफे के टिप्स

आंवला तीसरे साल से ही फल देना शुरू कर देता है. 10-12 साल पुराने पेड़ों से 150-200 किलोग्राम तक फल मिल सकते हैं. आंवले के पेड़ एक बार लग जाने के बाद कम से कम 30-40 साल तक फल देते रहते हैं. इसलिए, चुनी गई किस्मों के ग्राफ्टेड पौधे ही लेना चाहिए. आंवले में स्व-निषेचन की कमी के कारण बड़ी संख्या में फूल होने के बावजूद फल नहीं लगते हैं. इसलिए, बाग में कम से कम दो-तीन प्रकार की किस्में जरूर लगाएं ताकि बेहतर परागण और फलत हो सके.

सर्दी में आंवला के बगीचों में करें ये काम. (फाइल फोटो)सर्दी में आंवला के बगीचों में करें ये काम. (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jul 01, 2025,
  • Updated Jul 01, 2025, 12:24 PM IST

आजकल किसानों के बीच आंवले की बागवानी काफी लोकप्रिय हो रही है, और इसकी मुख्य वजह है इसकी साल भर बनी रहने वाली मांग. आंवला न केवल ऊबड़-खाबड़, बंजर और ऊसर ज़मीन में भी अच्छी पैदावार देने की क्षमता रखता है, बल्कि इसके पौधे जमीन में पोषक तत्वों की पूर्ति कर उसे उपजाऊ बनाने में भी मदद करते हैं. आंवला इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी जीवित रह सकता है और अच्छी पैदावार दे सकता है. अगर ऊसर भूमि में आंवले की खेती की जाती है, तो यह न केवल किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत बन सकता है, बल्कि इससे बंजर पड़ी जमीन का सुधार भी संभव है, जिससे भविष्य में अन्य फसलों की खेती के लिए भी रास्ता खुल सकता है.

अधिक फल पाने के लिए खास टिप्स अपनाएं

कृषि विज्ञान केंद्र, अयोध्या के प्रमुख और बागवानी विशेषज्ञ डॉ. बी.पी. शाही के अनुसार, आंवले की बेहतर पैदावार के लिए कई अच्छी व्यावसायिक किस्में विकसित की हैं जो तीसरे साल से ही फल देना शुरू कर देती हैं. 10-12 साल पुराने पेड़ों से 150-200 किलोग्राम तक फल मिल सकते हैं. आंवले के पेड़ एक बार लग जाने के बाद कम से कम 30-40 साल तक फल देते रहते हैं. इसलिए, चुनी गई किस्मों के ग्राफ्टेड पौधे ही लेना चाहिए. आंवले में स्व-निषेचन (self-pollination) की कमी के कारण बड़ी संख्या में फूल होने के बावजूद फल नहीं लगते हैं. इसलिए, बाग में कम से कम दो-तीन प्रकार की किस्में जरूर लगाएं ताकि बेहतर परागण और फलत हो सके.

आंवला की किस्में देगी भरपूर पैदावार 

आंवले की कृष्णा किस्म एक अगेती किस्म है जिसके फल बड़े (50-60 ग्राम), सफेद-हरे से हल्के पीले रंग के होते हैं. इनमें अत्यधिक कसैलापन होता है और इनकी भंडारण क्षमता अधिक होती है. अधिक मादा फूलों के कारण इसकी उत्पादन क्षमता भी ज्यादा होती है. फल मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक पकते हैं, और ये मुरब्बा, कैंडी और जूस बनाने के लिए बेहतरीन हैं.
कंचन किस्म मध्यम समय में तैयार होने वाली किस्म है. इसके पौधों पर भी मादा फूलों की संख्या अधिक होती है, जिससे यह अधिक फलन देती है. फल मध्यम आकार के (32-35 ग्राम) और हल्के पीलेपन लिए हरे रंग के होते हैं. यह किस्म तीसरे साल से फल देना शुरू कर देती है और 10 साल के एक पौधे से 1 से 3 क्विंटल तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं.

एनडी यूनवर्सिटी ने विकसित की ये खास किस्में

नरेंद्र-7 : इस किस्म के पेड़ सीधे बढ़ने वाले होते हैं. यह भी तीसरे साल से फलन देना शुरू कर देती है. इसके फल बड़े (45-47 ग्राम), हरे-सुनहरे और चमकदार होते हैं.
नरेंद्र-9 (एन.ए.-9): यह एक अगेती किस्म है जो मध्यम फल देती है. फल बड़े 46-47 ग्राम), चपटे, चिकनी त्वचा वाले और हल्के पीले रंग के होते हैं. यह किस्म मुरब्बा बनाने के लिए अच्छी मानी जाती है.
नरेंद्र-10 (एन.ए.-10): यह भी एक अगेती किस्म है जो मध्यम फलन देती है. इसके पेड़ सीधे बढ़ने वाले होते हैं. फल बड़े (50-55 ग्राम), गोलाकार और हरे-सफेद रंग के होते हैं. यह मुरब्बा बनाने के लिए बेहतर होते हैं.

आंवले की बागवानी कैसे करें?

डॉ. बी.पी. शाही के अनुसार, आंवले के पौधों को खेत में योजनाबद्ध तरीके से लगाना चाहिए. आंवले की बागवानी की शुरुआत बारिश के मौसम से पहले की जाती है. सबसे पहले के महीने में 7x7 मीटर की दूरी पर 1 घन मीटर आकार के गड्ढे खोदें. इन गड्ढों को कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ दें. इसके बाद, खोदी गई मिट्टी में 10 किलोग्राम गोबर की खाद, 200 ग्राम यूरिया, 100 ग्राम डीएपी, 100 ग्राम पोटाश और 20 ग्राम फिप्रोनिल कीटनाशक दवा मिलाकर गड्ढों को भर दें.

गड्ढों को तैयार करने के बाद, गड्ढे में पानी डालकर मिट्टी को जमने दें या एक बारिश होने तक इंतजार करें. आंवले के पौधे का रोपण जुलाई-अगस्त माह में करना सबसे बेहतर होता है. तैयार गड्ढों के केंद्र में पौधे का रोपण करें और तुरंत सिंचाई करें. इसके बाद, पौधों को नियमित रूप से पानी देते रहें. आंवले की बागवानी में इन सावधानियों और जानकारियों का पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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