देश में खरीफ सीजन की बुवाई के बीच सोयाबीन की बुवाई को लेकर बुरी खबर सामने आई है, जिससे केंद्र सरकार के तिलहन के लिए राष्ट्रीय मिशन (राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन) को झटका लग सकता है. दरअसल सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने अनुमान लगाया है कि इस बार सोयाबीन की बुवाई में करीब 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है, जिस वजह से उत्पादन पर भी असर पड़ेगा. SOPA का कहना है कि पिछले दो साल से लगातार किसान सोयाबीन के कम दामों को लेकर परेशान हैं. ऐसे में इस बार कई किसान मक्का, अरहर (तुअर) और कपास जैसी अन्य वैकल्पिक फसलों का रुख कर रहे हैं.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने कहा कि सोयाबीन की बुवाई में कुल गिरावट करीब 5 फीसदी के आसपास दर्ज की जा सकती है. हालांकि, बेहतर अनुमान का पता बुवाई पूरी होने के बाद ही चल सकेगा. SOPA के अनुसार, पिछले साल किसानों ने करीब 117.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की बुवाई की थी. SOPA ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसान सोयाबीन की बुवाई कर रहे हैं. अनुमान है कि 30 जून तक लगभग 42.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हुई है.
SOPA ने बयान में कहा कि इस साल मॉनसून समय पर आया है और प्रमुख उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बुआई जारी है और 15 जुलाई तक देशभर में सोयाबीन की बुवाई पूरी होने की उम्मीद है. सोपा के अनुसार, पिछले साल सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादन देने वाले राज्य मध्य प्रदेश में लगभग 15.4 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है, जबकि महाराष्ट्र में 18.4 लाख हेक्टेयर में बुवाई होने का अनुमान है. वहीं, राजस्थान में 3.7 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 2.78 लाख हेक्टेयर और तेलंगाना में 1.46 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई होने का अनुमान है.
सोपा ने अपने बयान में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में खराब अंकुरण की समस्या को लेकर चिंता जताई है. इसकी वजह से किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ रही है. वहीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 23 जून तक 20.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी है. सोपा के अनुमान के मुताबिक, खरीफ 2024 सीजन में 125 लाख टन सोयाबीन उत्पादन हुआ था. इसमें औसत उपज 1,064 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी.
वहीं, केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है. सरकार ने इसमें 436 रुपये की बढ़ोतरी की है, जो अब 5,328 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. पिछले साल MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल था. सोयाबीन के वर्तमान भाव की बात करें तो विभिन्न मंडियों में किसानों के लिहाज से हालात अच्छे नहीं है. इसकी कीमत खरीफ 2024 एमएसपी की तुलना में काफी कम हैं. एमपी में सोमवार को ज्यादातर मंडियों में सोयाबीन की मॉडल कीमत 3800 रुपये से 4350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच दर्ज की गई थी.