एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर सरकार बढ़ावा दे रही है, जिसके तहत इफको जैसी संस्थाएं एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल, रखरखाव और ट्रेनिंग पर फोकस कर रही हैं. एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों की कीटनाशक छिड़काव लागत 50 फीसदी तक घट जाएगी, जो वित्तीय नजरिए से बड़ा फायदेमंद होगा. एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकार किसानों को ट्रेनिंग दे रही है.
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी यानी इफको (Indian Farmers Fertiliser Cooperative) एग्रीकल्चर ड्रोन को लेकर काफी गंभीर है. इफको ने ड्रोन निर्माता कंपनी पारस एयरोस्पेस को 400 ड्रोन का ऑर्डर दे रखा है, जिसमें से कुछ ड्रोन की पहली खेप जल्द ही मिलने वाली है. ड्रोन फसलों के रखरखाव और छिड़काव लागत और समय को घटा देंगे, जो किसानों के लिए बड़ी राहत देने वाला होगा. जबकि, फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी होगी.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार पारस एयरोस्पेस के सीईओ और सह-संस्थापक पंकज अकुला ने कहा कि भारत में अगली कृषि क्रांति ड्रोन तकनीक, विशेषकर ड्रोन स्प्रे तकनीक के उपयोग से प्रेरित होगी. उन्होंने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से एक दिन में लगभग 25-30 एकड़ में छिड़काव किया जा सकता है. जबकि, मैनुअल तरीके से मजदूर छिड़काव एक दिन में 4 से 5 एकड़ में ही कर सकता है. इस तरह देखें तो ड्रोन से करीब 5 गुना अधिक छिड़काव हो जाता है.
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पंकज अकुला ने कहा कि मैन्युअल छिड़काव की तुलना में ड्रोन से छिड़काव लागत प्रभावी और अधिक कम होगी. मैन्युअल छिड़काव की लागत 800 रुपये प्रति एकड़ है तो ड्रोन से छिड़काव की लागत लगभग 400-500 रुपये प्रति एकड़ होती है. इस तरह से एग्रीकल्चर ड्रोन से लागत में लगभग आधी कटौती हो जाती है. कई मामलों में यह कटौती 50 फीसदी के पार भी जा सकती है.
#ViksitBharatSankalpYatra aims to extend the advantages of government schemes to all segments of society, showcasing a concerted effort towards inclusive development.
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) November 26, 2023
A live drone demonstration was conducted in remote areas of Tripura as a part of this campaign.#agrigoi #drone pic.twitter.com/fOqEFHfFgS
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत बीते दिन रविवार 26 नवंबर को तमिलनाडू राज्य के अरियालूर जिले के किसानों को ड्रोन से उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव का लाइव डेमो दिखाया गया एवं जिले के नागरिकों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित कल्याणकरी योजनाओं से अवगत कराया गया. उससे पहले अभियान के तहत महाराष्ट्र में गढ़चिरौली के किसानों को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया गया.
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