देश में खेती के लिहाज से एक और साल अच्छा रहने की उम्मीद है. पिछले साल भी मॉनसून सीजन के दौरान अच्छी बारिश हुई थी और अब इस साल मॉनसून में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अुनमान है. इस बीच, एक और खुशखबरी की बात यह रही कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून समय से एक हफ्ते पहले केरल पहुंचा और 29 जून तक मॉनसून ने पूरे देश को कवर कर लिया है. ऐसे में जानिए अच्छे मॉनसून पूर्वानुमान और इसके जल्दी आगमन का क्या असर हुआ है…
मॉनसून के जल्दी आने से असर यह हुआ है कि इस बार किसानों ने बुवाई का काम जल्दी शुरू कर दिया और सभी फसलों के कुल रकबे में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर, लगभग सभी राज्यों में सामान्य समय से पहले मॉनसून की बारिश दर्ज की गई. आईएमडी ने जून महीने की आखिरी तारीख को पूरे जुलाई महीने के लिए मौसम का का आउटलुक जारी करते हुए किसानों की चिंताओं पर विराम लगा दिया है.
आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि जुलाई का महीना बुआई के लिहाज से बहुत अहम होता है. इस महीने में ही सबसे ज्यादा क्षेत्र में बुवाई होती है. महापात्रा ने कहा कि तमिलनाडु, केरल, बिहार, झारखंड के उत्तरी जिलों और जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का अुनमान है. वहीं, कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस खरीफ सीजन में 27 जून तक विभिन्न फसलों की 258.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बुवाई में पिछले साल के मुकाबले 11.5 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले साल इस अवधि तक 231.84 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हुई थी. वहीं, मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 20 जून तक मूंगफली और सोयाबीन की बुवाई थोड़ी पिछड़ी नजर आ रही थी, लेकिन बीते हफ्ते गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बुवाई में तेजी दर्ज की गई. जिससे रकबे में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी देखने को मिली है.
तिलहन फसलों का रकबा 47.83 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो पिछले साल 39.92 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था. वहीं, खरीफ धान के रकबे में 47.3 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका रकबा 35.02 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, वहीं दलहन के रकबे में 34 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई और 19.284 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई दर्ज की गई. वहीं, खरीफ मक्का की बुवाई में भी भारी उछाल देखा गया है.