पंजाब के कई इलाकों में गेहूं की फसल गुलाबी सुंडी के प्रकोप के कारण बर्बाद हो रही है. ऐसा ही एक मामला पंजाब के जिला फरीदकोट के गांव बरगाड़ी से सामने आया है, जहां किसान ने गेहूं की खड़ी को फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया. किसान सुखमंदर सिंह और गुरसेवक सिंह ने बताया कि उनके पास 5 एकड़ जमीन है और 15 एकड़ जमीन उन्होंने 70 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ठेके पर लेकर कुल 20 एकड़ खेत में गेंहू की बिजाई की थी.
किसानों ने कहा कि उन्होंने प्रशासन और कृषि विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए पराली जलाए बिना गेहूं की सीधी बुआई की थी. पराली को उन्होंने गट्ठों के रूप में इकट्ठा भी करवाया था, लेकिन पराली में पलने वाले सुंडी के अंडे खेत में ही रह गए. इस वजह से अब सुंडी ने गेहूं पर हमला कर दिया है. जिससे उनकी पूरी फसल बरबाद हो गई और लाखों का नुकसान हो गया है.
दोनों ने बताया कि उन्होंने दवा-स्प्रे सब छिड़काव करके देख लिया, लेकिन कोई उपाय काम नहीं आया. इस समस्या को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए. दोनों ने बताया कि उन्हें सुंडी के प्रकोप के कारण प्रति एकड़ करीब 20 हजार रुपये यानी 4 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. अब वे दोबारा गेहूं की बुआई करेंगे, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि फिर से सुंडी का हमला नहीं होगा. सुखमंदर सिंह और गुरसेवक सिंह ने सरकार से नुकसान की भरपाई की अपील की है.
घटना को लेकर कृषि अधिकारी अमरीक सिंह ने कहा कि हम किसानों को समय-समय पर खेती से जुड़े सभी मामलों की जानकारी देते रहते हैं. हमने गेंहू बुवाई से पहले गुलाबी सुंडी के बारे में किसानों को पहले ही बता दिया था कि इससे बचने के लिए किसानों को क्या-क्या उपाय करने हैं. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इसके लिए प्रशासन की ओर से पंपलेट, सोशल मीडिया और ऑडियो, वीडियो मैसेज के जरिए भी किसानों को इसकी जानकारी दी गई थी कि गुलाबी सुंडी से डरने की जरूरत नहीं है.
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अगर किसी किसान के खेत में ऐसी सुंडी ज्यादा मात्रा मे पाई जाती है तो घबराने की जरूरत नहीं है तुरंत कृषि विभाग से संपर्क करें और इसका समाधान निकाला जाएगा. अपनी फसलों को नष्ट न करें. मगर कुछ किसानों ने अपनी फसल नष्ट करके उसके बाद विभाग को सूचित किया, जिससे उनका नुकसान हो गया. इस गुलाबी संडे के पड़ने के कई कारण है जैसे- हवा, मौसम में बदलाव, समय पर सर्दी ना पड़ना. साथ ही किसानों को इस गुलाबी सुंडी के बारे में पूरी जानकारी ना होना.
कृषि अधिकारी ने कहा कि इन किसानों के लिए विभाग की ओर से जो भी मदद हो सकती है, हम करेंगे. मौके पर जाकर फसल की जांच भी की जाएगी. पंजाब के मालवा इलाके में इस सुंडी का प्रकोप ज्यादा है. पंजाब का बॉर्डर एरिया भी इसकी चपेट है. पाकिस्तान से जब हवा चलती है तो पंजाब में इसकी तादाद बढ़ जाती है. यह हवा से पंजाब में दाखिल हो जाती है. अगर किसी किसान के खेत मे सुंडी का प्रकोप दिखे तो हमसे संपर्क करें.