महाराष्ट्र में कपास की खेती करने वाले किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. कहां किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि कुछ महीने बाद दाम अच्छा मिलेगा, लेकिन बाजार उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. पिछले 6 महीने से कपास के दामों में गिरावट जारी है. ऐसे में बहुत सारे किसान कपास को बाज़ारों में न बेचकर घरों में स्टॉक किया हुआ है. किसानों का कहना है कि पिछले साल कपास का दाम 13000 रुपये प्रति किलो तक मिला था. लेकिन इस साल कीमतों में कमी के कारण हम अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रहे हैं. राज्य की कई मंडियों में कपास का दाम 6500 रुपए से लेकर 7000 रुपए प्रति क्विंटल तक ही मिल रहा है. यह किसानों के लिए घाटे का सौदा है.
वर्तमान में किसान अब थोड़ा-थोड़ा कर कपास को कम कीमतों में बेच रहे हैं. क्योंकि नहीं बेचेंगे उनके घर का खर्च कैसे चलेगा. किसानों का कहना है कि दूसरी फसलों की खेती के लिए उनके पास पैसों की कमी आ रही है इसके लिए वो मजबूरन पिछले साल से बहुत कम दाम पर कपास बेच रहे हैं. वहीं कुछ कह रहे हैं कि लंबे समय से कपास का स्टॉक रखने से उसमें कीट लग रहे हैं. यानी कुछ किसान कीटों की मजबूरी से बेच रहे हैं.
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किसानों को वर्तमान में कपास का भाव 6500 रुपए से लाकर 7000 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है. हालांकि कॉटन का मौजूदा भाव MSP से अभी भी ज्यादा है. कॉटन का MSP साल 2022-23 के लिए 6380 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों का कहना है कि मिल रहे MSP रेट से ज्यादा उनकी लागत है. कम से कम 10000 रुपये का भाव हो तब जाकर कुछ फायदा मिलेगा. टेक्सटाइल इंडस्ट्री इसी बात की दुहाई दे रही है कि कॉटन का दाम अब भी एमएसपी से अधिक है. जबकि किसान पिछले साल की तरह भाव मिलने की उम्मीद लिए बैठे हैं.
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