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Onion Price: देश की इन मंड‍ियों में 1-2 रुपये प्रत‍ि क‍िलो हुआ प्याज का दाम, आख‍िर क्या करे क‍िसान?

Onion Price: देश की इन मंड‍ियों में 1-2 रुपये प्रत‍ि क‍िलो हुआ प्याज का दाम, आख‍िर क्या करे क‍िसान?

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन ने कहा है क‍ि सरकार की यह मंशा रहती है क‍ि प्याज सस्ता म‍िले. उसे अगर सस्ता प्याज चाहिए तो वो खाद, पानी, बिजली, डीजल, पेस्टीसाइड और मालभाड़ा सब सस्ता करे. क्या एक-दो रुपये क‍िलो प्याज बेचकर डबल हो जाएगी क‍िसानों की इनकम?

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कब मिलेगा किसानों को प्याज का उचित दाम ? कब मिलेगा किसानों को प्याज का उचित दाम ?

देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य में क‍िसान दोहरा नुकसान झेल रहे हैं. बार‍िश की वजह से रबी सीजन की काफी प्याज खराब हो गई है. नास‍िक और अहमदनगर में बार‍िश हुई है. एक ओर प्रकृत‍ि की मार तो दूसरी ओर दाम की मार. सोलापुर और येवला मंडी में इसका दाम 100 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक रह गया है. पंढरपुर में 200 और लासलगांव व जुन्नेर में इसका न्यूनतम  भाव ग‍िरकर 300 रुपये तक रह गया है. सवाल ये है क‍ि इतने कम दाम में किसानों की इनकम दोगुना कैसे होगी. पिछले कई महीने से महाराष्ट्र के किसान 1 से लेकर 8 रुपये किलो तक प्याज बेचने के लिए मजबूर हैं. जबक‍ि खेती में लगने वाली चीजों की महंगाई से लागत 18 से 20 रुपये क‍िलो तक पहुंच गई है. 

शन‍िवार 15 अप्रैल को कई मंडियों में किसान महज 1 रुपये किलो के रेट पर प्याज बेचकर आए हैं. यह स्थ‍ित‍ि इतनी व‍िकट है क‍ि एक टॉफी के बराबर दाम पर एक क‍िलो प्याज बेचनी पड़ रही है. लेक‍िन, जब वो प्याज व्यापार‍ियों और बिचौलियों के हाथ से होता हुआ उपभोक्ताओं तक पहुंचता है तब तक उसकी कीमत 30 से 35 रुपये तक पहुंच जाती है. क‍िसान सवाल पूछ रहे हैं उन पर ऐसा वज्रपात क्यों? महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. यहां देश के कुल उत्पादन का 43 परसेंट प्याज पैदा होता है. यहां प्याज का इतना कम दाम होना चिंताजनक है.  

MSP के दायरे में लाई जाए प्याज 

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि प‍िछले दो साल से क‍िसानों को प्याज का सही दाम नहीं म‍िल रहा है. ऊपर से प्राकृत‍िक आपदाओं से तबाही. ऐसे में सरकार प्याज को एमएसपी के दायरे में लाकर क‍िसानों का भला करना चाह‍िए. नेशनल हार्ट‍िकल्चर बोर्ड से उत्पादन लागत ले ली जाए और उस पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर इसका न्यूनतम दाम फ‍िक्स कर द‍िया जाए. साथ ही व्यापार‍ियों का भी मुनाफा फ‍िक्स कर द‍िया जाए. इससे क‍िसानों का भी भला होगा और उपभोक्ताओं का भी. 

व्यापार‍ियों पर कसी जाए नकेल 

द‍िघोले का कहना है क‍ि अभी एक, दो या तीन और पांच-सात रुपये क‍िलो प्याज लेकर व्यापारी उसे 30 से 35 रुपये क‍िलो तक पर उपभोक्ताओं को बेच रहे हैं. उनके मुनाफे का परसेंटेज देखने वाली बात है. उनकी इस मुनाफाखोरी पर कोई कंट्रोल नहीं है. ज‍िसकी वजह से उपभोक्ताओं को महंगा प्याज म‍िलता है. ट्रेडर उपभोक्ताओं और क‍िसानों दोनों को ठग रहे हैं. इसल‍िए क‍िसानों का न्यूनतम दाम और उनके मुनाफे का परसेंटेज फ‍िक्स हो. 

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एग्री इनपुट भी सस्ता कर‍े सरकार 

दिघोले का कहना है कि सरकार की यह मंशा रहती है क‍ि प्याज सस्ता म‍िले. उसे अगर सस्ता प्याज चाहिए तो वो खाद, पानी, बिजली, डीजल, पेस्टीसाइड और मालभाड़ा सब सस्ता करे. किसानों को जब कभी प्याज का दाम 15 से 30 रुपये रुपये किलो मिलने लगता है तो उपभोक्ताओं तक पहुंचते-पहुंचते व्यापारी और ब‍िचौल‍िए उसका दाम 70 से 80 रुपये कर देते हैं. तब सरकार च‍िंत‍ित होती है और अचानक पूरी मशीनरी को दाम ग‍िराने के ल‍िए लगा देती है.  

कहां कितना रहा दाम? 

  • लासलगांव-विंचुर मंडी में 15 अप्रैल को सिर्फ 270  क्विंटल प्याज की आवक हुई. फिर भी न्यूनतम दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. 
  • सोलापुर मंडी में 61710 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 100 रुपये जबकि औसत 400 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • पंढरपुर मंडी में मात्र 876 क्विंटल की आवक हुई. यहां न्यूनतम दाम 200 और औसत दाम 600 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
  • नासिक की येवला मंडी में  किसानों को प्याज का न्यूनतम दाम 100 रुपये प्रति क्विंटल मिला, अध‍िकतम दाम 691 रुपये रहा. 
  • लासलगांव मंडी में किसानों को प्याज का न्यूनतम भाव सिर्फ 300 रुपये किलो मिला. औसत दाम 480 रुपये क्विंटल रहा. 
  • ये भाव महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केट‍िंग बोर्ड से ल‍िए गए हैं.