प्याज के रेट को लेकर NAFED पर अब महाराष्ट्र सरकार सख्त होती दिख रही है. महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा है कि प्याज के स्टॉक पर फैसला लेते समय नैफेड (NAFED) को उनके विभाग के साथ मिलकर काम करना चाहिए. मंत्री ने कहा कि इस तरह के स्वतंत्र कदम उठाने से किसान और उपभोक्ता दोनों प्रभावित हो सकते हैं. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद रावल ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में इस साल लगभग 170 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 55 लाख मीट्रिक टन अधिक है.
रावल ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) ने पहले संकेत दिया था कि यदि कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर चली गईं तो वह भंडारित प्याज को बाजार में जारी कर देगा. मंत्री ने कहा कि इस घोषणा के बाद व्यापारियों की प्रतिक्रिया के कारण प्याज की कीमतों में अचानक गिरावट आई. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा. इसलिए हमने नेफेड से कहा है कि ऐसे निर्णय राज्य के परामर्श से लिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र को सूचित किया गया है कि समय पर निर्यात समर्थन से कीमतों को स्थिर करने और उत्पादकों के लिए आगे की परेशानी को रोकने में मदद मिलेगी.
महाराष्ट्र के विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने इस दौरान यह भी बताया कि विपणन विभाग द्वारा अतिरिक्त निर्यात सब्सिडी का एक प्रस्ताव तैयार किया गया है और उसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और बाज़ार संतुलन में मदद मिलेगी. व्यापारियों के मुद्दे पर, रावल ने कहा कि कुछ लोगों ने नेफेड के बाज़ार संचालन के बारे में अफवाहों का अनुचित लाभ उठाया है. उन्होंने कहा कि हमने बाजार समितियों से ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने और जानबूझकर कीमतें कम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. जरूरत पड़ने पर दोषी व्यापारियों के लाइसेंस रद्द भी किए जा सकते हैं.
दरअसल, प्याज एक ऐसी चीज है जिसकी कीमतें ऊपर नीचे से होने सरकारें हिल जाती हैं. यही वजह है कि प्याज की कीमतें काबू में रखने के लिए सरकार NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) की मदद लेती है. इसके लिए NAFED बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए सरकार NAFED के जरिए किसानों से सीधा प्याज खरीदकर भंडारण करती है. प्याज के दाम जब तय सीमा से ऊपर जाने लगते हैं तो NAFED इसी बफर स्टॉक को बाजार में उतार देती है. नेफेड जब प्याज का बफर स्टॉक बाजार में उतारती है तो इससे प्याज की कमी दूर हो जाती है और कीमतें स्थिर हो जाती हैं. (सोर्स- PTI)
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