
इन दिनों देशभर में थोक मंडियों में दलहन, तिलहन और प्याज की कीमतों का हाल बहुत ही खराब है, जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में केंद्र की एनडीए सरकार ने इन किसानों को राहत देने के लिए सोयाबीन, मूंगफली सहित कई फसलों की सरकारी खरीद करने का ऐलान किया है. मोदी सरकार की ओर से यह ऐलान मंगलवार को किया गया. फिलहाल केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 राज्यों में खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. सरकारी उपार्जन के तहत सरकार 9,700 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की उपज खरीदेगी.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2025-26 के लिए आंध्र प्रदेश और राजस्थान से भेजे गए मूल्य समर्थन योजना PSS और बाजार हस्तक्षेप योजना MIS के प्रस्तावों को हरी झंडी है दी. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों राज्यों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
सरकारी बयान के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के किसानों से 37,273 मीट्रिक टन मूंगफली खरीदी जाएगी, जबकि राज्य का अनुमानित उत्पादन 1,49,090 मीट्रिक टन है. इस तरह आंध्र में MSP के हिसाब से 270.71 करोड़ रुपये मूल्य की मूंगफली खरीदी जाएगी. इसके अलावा MIS के तहत 97,887 मीट्रिक टन प्याज खरीद की होगी. इसकी कीमत 24.47 करोड़ रुपये आंकी गई है. राज्य सरकार ने रायतु सेवा केंद्रों पर L1 आधार-बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने की जानकारी भी बैठक में दी.
इधर, राजस्थान के किसानों के लिए केंद्र ने रिकॉर्ड स्तर पर चार फसलों की खरीद को मंजूरी दी. मूंग 3,05,750 मीट्रिक टन, उड़द 1,68,000 मीट्रिक टन, मूंगफली 5,54,750 मीट्रिक टन और सोयाबीन 2,65,750 मीट्रिक टन की स्वीकृति दी गई है. इनका कुल MSP मूल्य करीब 9,436 करोड़ रुपये बैठता है. केंद्र ने बताया कि राज्य POS आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने दोनों राज्यों को निर्देश दिया कि खरीद केंद्रों पर व्यवस्था मजबूत और पारदर्शी रहे. किसानों का पंजीकरण और भुगतान पूरी तरह DBT के माध्यम से हो और खरीद केंद्रों पर आधार-सक्षम उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही FPO और FPC के जरिए किसानों को बेहतर और संगठित बाजार उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया जाए.