मटर की तीन 'क्रांतिकारी' किस्में, Purvansh, Arpan और Shikhar से पूर्वी भारत के किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

मटर की तीन 'क्रांतिकारी' किस्में, Purvansh, Arpan और Shikhar से पूर्वी भारत के किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

केंद्र सरकार और केंद्रीय बीज समिति की मंजूरी के बाद फील्ड पी (मटर) की तीन उन्नत किस्में—Purvansh, Arpan और Shikhar—को बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बिक्री और खेती के लिए अधिकृत किया गया है. ये किस्में उच्च पैदावार, रोग प्रतिरोधक क्षमता और बेहतर पोषण वैल्यू के कारण किसानों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती हैं.

मटर की खेतीमटर की खेती
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 19, 2025,
  • Updated Nov 19, 2025, 6:25 PM IST

पूर्वी भारत के किसानों के लिए अच्छी खबर है. रबी मौसम में लोकप्रिय दाल फसल फील्ड पी (Field Pea मटर) की तीन नई और उच्च उत्पादक किस्में — Purvansh (IPFD 18-3), Arpan (IPFD 19-3) और Shikhar (IPFD 19-1) — अब आधिकारिक रूप से खेती के लिए उपलब्ध हैं. केंद्र सरकार ने केंद्रीय बीज समिति की सिफारिश पर इन किस्मों को मंजूरी देकर अधिसूचना जारी कर दी है.

इन किस्मों को खास तौर पर पूर्वी भारत के सिंचित क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है, जहां फील्ड पी (मटर) खेती की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. मटर की इन किस्मों की खेती से किसान भरपूर फायदा उठा सकते हैं और उपज बढ़ाने के साथ कमाई भी बढ़ा सकते हैं. कई क्षेत्रों में मटर की इन किस्मों की खेती जारी है और किसान इसकी उच्च उपज का लाभ उठा रहे हैं. 

Purvansh (IPFD 18-3): उच्च उपज और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता

Purvansh किस्म को इरीगेटेड (सिंचित) नॉर्थ ईस्ट प्लेन जोन के लिए तैयार किया गया है.

इसके प्रमुख गुण:

  • औसत उत्पादकता: 17.3 क्विंटल/हेक्टेयर
  • तैयारी अवधि: 117 दिन
  • मिल्ड्यू और Ascochyta Blight के प्रति उच्च प्रतिरोधकता
  • रस्ट रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधक
  • प्रोटीन की मात्रा 25.7%, जिससे यह पोषण के लिहाज से बेहतर विकल्प है
  • सिफारिश वाले राज्य: बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश
  • Purvansh को उच्च उपज और रोगों के प्रति मजबूत प्रतिरोध के कारण रबी मौसम में किसानों के लिए एक बेहद अच्छा विकल्प माना जा रहा है.

Arpan (IPFD 19-3): ओपन-पॉलिनेटेड हाई क्वालिटी वाली किस्म

फील्ड पी की Arpan (IPFD 19-3) एक ओपन-पॉलिनेटेड किस्म है, जिसे 25 सितंबर 2023 को जारी अधिसूचना के तहत मंजूरी दी गई.

सिफारिश वाले क्षेत्र:

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल. इन राज्यों के किसान आईपीएफडी 19-3 की खेती से अच्छी उपज ले सकते हैं और आय बढ़ा सकते हैं.
  • Arpan किस्म का उद्देश्य किसानों को अधिक स्थाई, भरोसेमंद और बाजार-अनुकूल उपज दिलाना है.

Shikhar (IPFD 19-1)

शिखर आईपीएफडी 19-1 पूर्वी और मध्य यूपी सहित पांच राज्यों के लिए अनुमोदित है. इन राज्यों के किसान इस किस्म की खेती कर सकते हैं. Shikhar (IPFD 19-1) को भी Arpan की तरह 25 सितंबर 2023 को केंद्रीय बीज समिति की मंजूरी मिली.

यह किस्म खासतौर पर बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए विकसित की गई है. यह किस्म बेहतर अनुकूलता और अच्छी पैदावार देने के लिए जानी जाती है.

किसानों के लिए क्या बदलने वाला है?

नई किस्मों के आने से फील्ड पी (मटर) की उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी. मटर की किस्मों को रोगों से कम नुकसान होगा क्योंकि ये सभी किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता से लैस हैं. ये तीनों किस्में बेहतर क्वालिटी और अधिक बाजार मूल्य वाली हैं जिससे किसानों को फायदा ही फायदा है. ये सभी किस्में सिंचित और वर्षा आधारित दोनों परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करती हैं.  इससे किसानों के लिए मटर की खेती में कई संभावनाएं बढ़ेंगी.

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