
महाराष्ट्र सरकार ने आम, काजू और संतरा उत्पादक किसानों के लिए मौसम आधारित फल फसल बीमा योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दी है. राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कई किसान समय पर रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन पूरा नहीं कर पाए थे, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, क्योंकि रबी 2025-26 सीजन के लिए अधिसूचित जिलों में बड़ी संख्या में किसान तकनीकी कारणों या दस्तावेजी दिक्कतों के चलते प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे. केंद्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आम, संतरा और काजू के सभी ऋणी (loanee) और गैर-ऋणी (non-loanee) किसानों के लिए 15 दिसंबर तक विस्तार मंजूर कर दिया है.
उन्होंने बताया कि विस्तारित अवधि में किए गए पंजीकरणों पर भी भारत सरकार की प्रीमियम हिस्सेदारी पहले की तरह लागू रहेगी. साथ ही, ऐसे मामलों में किसी भी तरह के ‘मोरल हैजर्ड’ को रोकने के लिए संबंधित विभागों को संचालन नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने सभी पंजीकरण केंद्रों, कृषि विभाग के स्थानीय दफ्तरों और मीडिया माध्यमों को तुरंत जानकारी प्रसारित करने को कहा है, ताकि अधिकतम किसान इस योजना का लाभ उठा सकें. समय सीमा बढ़ने से उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी, जो मौसम-सम्बंधित जोखिमों से अपनी फसल को सुरक्षित करने के लिए इस बीमा योजना पर निर्भर हैं.
महाराष्ट्र में बढ़ते तेंदुआ हमलों को रोकने के लिए राज्य सरकार एक अनोखी पहल की तैयारी कर रही है. मंगलवार को नागपुर में विधानमंडल में बोलते हुए वन मंत्री गणेश नाईक ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को जंगलों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ने का निर्देश दिया है, ताकि तेंदुए शिकार की तलाश में मानव बस्तियों की ओर न आएं.
नाईक ने कहा कि अगर तेंदुआ हमलों में चार लोगों की मौत होती है, तो सरकार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देना पड़ता है. "इससे बेहतर है कि उतने मूल्य की बकरियां जंगल में छोड़ दी जाएं, ताकि तेंदुए वहीं भोजन पा सकें और गांवों में न घुसें."
अहिल्यनगर, पुणे और नासिक जिले तेंदुआ घटनाओं के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. मंत्री ने बताया कि अब तेंदुओं का निवास जंगलों से बदलकर गन्ने के खेतों की ओर खिसक गया है. वहीं, मादा तेंदुओं में चार शावकों के जन्म की संख्या बढ़ने से आबादी भी तेजी से बढ़ रही है. राज्य जल्द ही सीमित स्तर पर नसबंदी का प्रयोग शुरू करेगा. (पीटीआई)