Crop Loss: `रोती, बिलखती, मिन्नतें करती रही पत्नी, प्रशासन की कार्रवाई से पति खेत में हुआ बेहोश!

Crop Loss: `रोती, बिलखती, मिन्नतें करती रही पत्नी, प्रशासन की कार्रवाई से पति खेत में हुआ बेहोश!

खबर मध्य प्रदेश के विदिशा से है जो कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र है. यहां एक किसान की 30 एकड़ फसल पर प्रशासन ने ट्रैक्टर चला दिया. प्रशासन का कहना है कि किसान ने अतिक्रमण करके फसल बोई थी जबकि किसान का कहना है कि उसने खेत का पूरा लगान दिया था, फिर भी प्रशासन ने फसल को रौंद दिया.

Vidisha farmerVidisha farmer
क‍िसान तक
  • Vidisha,
  • Feb 19, 2025,
  • Updated Feb 19, 2025, 12:42 PM IST

किसानों के हित की बात करने वाली सरकार क्या वाकई किसानों की मदद कर रही है? या फिर किसान सिर्फ राजनीतिक दांवपेंच का हिस्सा बनकर रह गए हैं? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि मध्यप्रदेश के विदिशा जिले की सिरोंज तहसील में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां प्रशासन की कार्रवाई ने एक किसान की मेहनत पर पानी फेर दिया. 30 बीघा खड़ी फसल पर प्रशासन ने ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी, जबकि किसान इस जमीन पर वर्षों से खेती करता आ रहा था.

खेत की तस्वीरें बताती हैं कि किस तरह सिरोंज के केतन डैम क्षेत्र में प्रशासन ने किसान की मेहनत पर ट्रैक्टर चला कर रौंद दिया. करीब 30 बीघा की खड़ी फसल देखते ही देखते बर्बाद कर दी गई. प्रशासन का तर्क है कि यह जमीन अतिक्रमण की थी और पहले ही इस पर पट्टे निरस्त किए जा चुके थे. लेकिन किसान मूलचंद का कहना है कि उसने अक्टूबर में ही इस जमीन का अर्थदंड जमा किया था, जिसकी रसीद उसके पास है.

पीड़ित किसान ने लगाई गुहार

पीड़ित किसान का कहना है, हमने अपनी मेहनत से फसल पर जब ट्रेक्टर चलते देखे तो मुझे अटैक आ गया और में बेहोश हो गया. इसके बाद मुझे खुद नहीं पता क्या हुआ. इस घटना के बाद किसानों में भारी आक्रोश है. किसान की पत्नी ने प्रशासन से गुहार लगाई कि ट्रैक्टर चलाने से पहले फसल काट लेने देते, मगर पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारियों ने कोई बात नहीं सुनी. देखते-देखते पूरी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसान इसे देखते ही खेत में बेहोश होकर गिर पड़ा. बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे उठाकर छाया में लिटाया.

किसान परिवार का कहना है कि पिछले 60 साल से वह उस पट्टे पर खेती कर रहा है. उसने शुरू से इस खेत का लगान भी चुकाया है. इस किसान परिवार 18-20 लोग हैं जो इसी खेत पर निर्भर हैं. इन सभी जानकारियों के बावजूद प्रशासन ने पूरी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. किसानों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि फसल को 5-7 दिन में पक जानी थी और उसकी कटाई होनी थी, पर प्रशासन ने उसे पूरी तरह से रौंद दिया.

प्रशासन ने नहीं सुनी फरियाद

किसान की पत्नी सरस्वती ने कहा कि उसने प्रशासन से गुहार लगाई कि एक हफ्ते का समय दिया जाए ताकि मटरी की फसल की कटाई हो सके. प्रशासन ने उनकी गुहार नहीं सुनी और एकसाथ खेत में तीन ट्रैक्टर उतार दिए. इस सदमे में उनके पति मूलचंद खेत में बेहोश हो गए जिन्हें उठाकर अस्पताल पहुंचा दिया गया. अस्पताल में चेक करने के बाद किसान को वापस घर भेज दिया गया.

इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है. किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र रघुवंशी ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से पीड़ित परिवार की फोन पर बात कराई और प्रदेश स्तर पर इस मुद्दे को उठाने का भरोसा दिया.

सुरेंद्र रघुवंशी ने कहा, यह बेहद ही बर्बरता पूर्ण रवैया है. प्रशासन ने ऐसा रवैया अपनाया कि किसान की खड़ी फसल पर ट्रेक्टर चलाया गया. इससे किसान बेहोश हो गया. किसान की पत्नी प्रशासन के आगे रोती रही, बिलखती रही, प्रशासन से मन्नते मांगती रही पर प्रशासन ने एक न सुनी. इस पूरे मामले पर प्रशासन का अपना ही तर्क है. सिरोंज तहसीलदार का कहना है अतिक्रमण की कार्यवाही की गई है. जो किसान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर खेती कर रहे थे उन किसानों से जमीन को मुक्त कराया गया है.(विवेक ठाकुर की रिपोर्ट)

 

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