झारखंड वनों से भरा पूरा राज्य है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 26.62 प्रतिशत क्षेत्र में वन है. इन वनों में कई महत्वपूर्ण और सेहत से भरपूर जंगली फल पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. जंगलों पर निर्भर रहने वाले लोगों के लिए यह आजीविका का प्रमुख स्त्रोत होता है. हालांकि पहले इन जगंली फलों को उतनी तरजीह नहीं मिलती थी, लेकिन अब इन उत्पादों के लिए बेहतर बाजार विकसित होने के बाद इनकी मांग बढ़ी है. झारखंड के वनों में पाया जाने वाला ऐसा ही एक जंगली फल चिरौंजी है, जो बाजार में काजू से महंगा बिकता है और इसकी कीमत 1500 रुपये किलो है.
चिरौंजी, झारखंड की एक प्रमुख वनोपज में से एक है, जिसकी मांग हाल के दिनों में काफी बढ़ी है. झारखंड में यह गुमला, सिमडेगा, खूंटी और चाईबासा के जंगलों में पाया जाता है. इसके अलावा देश की बात करें तो यह ओड़िसा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में पाया जाता है. महाराष्ट्र के नागपुर स्थित गढ़चिरौली इलाके मे पाए जाने वाले चिरौंजी की गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है और इसकी कीमत भी सबसे अधिक मिलती है. झारखंड में पाए जाने वाले चिरौंजी की तुलना मे इसका आकार और रंग अच्छा होता है. इसलिए इसकी मांग भी बाजार में अधिक होती है.
चिरौंजी मुख्य तौर पर चार से पांच महीने की फसल होती है. जंगल में यह जामुन के पेड़ों की तरह बड़े पेड़ में फलता है. जब फल तैयार होता है, तब ग्रामीण इसे तोड़ते हैं. इसके बाद इसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. हालांकि अब जब से ग्रामीणों के अच्छे दाम मिल रहे है. तब से ग्रामीण कच्चा ही इसे तोड़ कर बेच देते हैं. इससे इसकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है. झारखंड में चिरौंजी की प्रोसेसिंग और और मार्केटिंग करने वाली संस्था उद्यम उत्थान समिति से जुड़े राजेश कुमार बताते हैं कि सूदूरवर्ती हाट बाजारों में ग्रामीण छिलका सहित चिरौंजी के बीज को बेचते हैं. जबकि कई ऐसे किसान हैं जो छिलका हटाकर बेचते हैं.
उन्होंने बताया कि चाईबासा के हाट बाजारों में लोग बाजारों में पइला (झारखंड का पारपंरिक बर्तन जिससे वजन मापा जाता है) में नापकर इसे बेचते हैं. एक पइला बीज के बदले 20 पइला चावल दिया जाता है. इसके बाद इसे बाजार में 1500 रुपये किलो के हिसाब से दाम मिलता है. राजेश बताते हैं कि बड़े आकार की अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों को अरब जैसों देशों में निर्यात किया जाता है. इसके साथ ही स्थानीय बाजारों में भी इसकी अच्छी मांग है. चिरौंजी बीज के कई स्वास्थ्या लाभ होते हैं. इस लिए इसके फायदे जानने के बाद हाल के दिनों में इसकी मांग कफी बढ़ी है.