भारी बारिश-भूस्‍खलन से बेपटरी हुआ दार्जिलिंग का चाय उद्योग, अब बंगाल सरकार से मदद की आस

भारी बारिश-भूस्‍खलन से बेपटरी हुआ दार्जिलिंग का चाय उद्योग, अब बंगाल सरकार से मदद की आस

उत्तर बंगाल में लगातार बारिश और भूस्खलन से दार्जिलिंग के चाय बागान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लगभग 30-35 बागानों में सड़कों व फसल को नुकसान हुआ है. दार्जिलिंग टी एसोसिएशन ने सरकार से सड़कों, बिजली और पानी की व्यवस्था बहाल करने में मदद मांगी है.

Darjeeling Tea Planters Seek Bengal Govt AidDarjeeling Tea Planters Seek Bengal Govt Aid
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 11, 2025,
  • Updated Oct 11, 2025, 12:01 PM IST

पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र में लगातार बारिश से भूस्खलन की घटनाओं ने दार्जिलिंग के चाय उद्योग को गहरा झटका दिया है. चाय बागानों में सड़कों, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं. अब दार्जिलिंग के चाय उत्पादक राज्य सरकार से पुनर्निर्माण और मरम्मत में सहायता की मांग करने की तैयारी कर रहे हैं. दार्जिलिंग में करीब 30 से 35 चाय बागान इस आपदा से प्रभावित हुए हैं. कई जगह चाय की फसल भी बहने, मजदूरों के मकान ढह गए और कुछ लोगों की मौत भी हो गई.

DTA की बैठक में मदद मांगने का हुआ फैसला

इस बीचख्‍ दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (DTA) की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकार से तत्काल सहायता मांगी जाएगी ताकि, आंतरिक सड़कों, पेयजल और बिजली आपूर्ति की बहाली हो सके और बागानों का संचालन सुचारू रूप से जारी रखा जा सके.

चामोंग टी के चेयरमैन और उद्योग के वरिष्ठ सदस्य अशोक लोहिया ने कहा, “भारी बारिश से बागानों के भीतर की सड़कें टूट गईं और कई जगह चाय की फसल पूरी तरह बह गई हैं. स्थिति बेहद गंभीर है.”

'लगभग 250 हेक्‍टेयर फसल प्रभावि‍त हुई'

एसोसिएशन के प्रमुख सलाहकार संदीप मुखर्जी ने बताया कि करीब 200 से 250 हेक्टेयर क्षेत्र की चाय फसल प्रभावित हुई है, जिससे उत्पादकों पर आर्थिक संकट बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग की कुल वार्षिक चाय उत्पादन में 15-20 प्रतिशत योगदान देने वाली शरद ऋतु की फसल पर इसका सीधा असर पड़ा है.

पिछले साल भी गिरा था चाय का उत्‍पादन

पिछले साल दार्जिलिंग की सुगंधित चाय का उत्पादन 60 लाख किलोग्राम से नीचे गिर गया था. इस वर्ष प्राकृतिक आपदा के चलते स्थिति और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार से समय पर सहायता नहीं मिली तो जलवायु परिवर्तन, श्रम संकट, घटती उत्पादकता और लाभप्रदता जैसी समस्याओं से पहले से जूझ रहा दार्जिलिंग चाय उद्योग अब एक और गहरे आर्थिक संकट में फंस सकता है.

आईटीए ने भी आर्थ‍िक मदद देने की मांग की

बता दें कि स्‍थानीय उद्योग से जुड़े कुछ लोगों ने करीब 50 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई है. वहीं, इंडियन टी एसोसिएशन (ITA) ने भी अपनी वार्षिक आम बैठक में दार्जिलिंग चाय उद्याेग को हुए नुकसान पर च‍िंता जताई और देश में चाय का उत्‍पादन गिरने की आशंका जताई. आईटीए ने भी दार्जिलिंग चाय उद्याेग को राहत देने के लिए  आर्थ‍िक पैकेज की मांग उठाई है. (पीटीआई)

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