छह महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला बेचे गए धान का पैसा, अब सता रही खेती की चिंता

छह महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला बेचे गए धान का पैसा, अब सता रही खेती की चिंता

इस केंद्र में कुल 59 किसानों ने 1925 क्विंटल धान बेचा था. धान बेचने के बाद किसानों को खाते में धान की आधी राशि तो भेज दी गई, पर आधी राशि के भुगतान का आज भी किसान इंतजार कर रहे हैं. 

धान की राशि का इंतजार कर रहे किसान          फोटोः किसान तकधान की राशि का इंतजार कर रहे किसान फोटोः किसान तक
क‍िसान तक
  • Ranchi,
  • Jun 18, 2023,
  • Updated Jun 18, 2023, 11:08 PM IST

झारखंड में लैंपस और पैक्स संचालकों की मनमानी की खबरे आना कोई नई बात नहीं है. हर बार राज्य सरकार किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए जागरूक करने का लाम करती है, किसानों को प्रोत्साहित करती है पर इसके बावजूद कई जगहों पर किसान ठगा हुआ महसूस करते हैं क्योकि धान बेचने के बाद भी उन्हें सही समय पर पैसे नहीं मिलते हैं. इसके कारण उन्हें बाद की खेती करने में परेशानी होती है. क्योंकि उन्हें सही समय पर पैसे नहीं मिल पाते हैं और वो खाद बीज नहीं खरीद पाते हैं. राज्य के कई जिलों से ऐसी खबरे आती रहती है. इस बार चतरा जिले से यह खबर आ रही है कि छह महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को धान की राशि नहीं मिली है. 

दरअसल फिर से खरीफ सीजन आ गया है. अब बारिश के शुरू होते ही किसान धान रोपाई की तैयारी शुरू कर देंगे. पर चतरा जिले के कुछ किसान मायूस और परेशान हैं क्योंकि उनके पास खेती करने के लिए पैसे नहीं हैं. मामला जिले के टंडवा प्रखंड का है. यहां के राहम पैक्स में पिछले साल धान क्रय केंद्र खोला गया था, इस केंद्र में कुल 59 किसानों ने 1925 क्विंटल धान बेचा था. धान बेचने के बाद किसानों को खाते में धान की आधी राशि तो भेज दी गई, पर आधी राशि के भुगतान का आज भी किसान इंतजार कर रहे हैं. 

कर्ज लेने के लिए मजबूर होंगे किसान

मीडिया रिपोर्ट की माने को राहम पैक्स के अध्यक्ष विजय पांडेय का कहना है कि उन्होंने धान की खरीद कर धान को मिल तक पहुंचा दिया है. पैसे का भुगतान करना उनकी जिम्मेवारी नहीं है. वहीं किसान चिंतित हैं कि धान लगाने का मौसम आ गया है और उनके पास धान खरीदने के लिए और खेत तैयार करने के लिए पैसे नहीं है. पिछले साल मौसम की बेरुखी के कारण अच्च से खेती नहीं कर पाए थे. किसान इस बात की उम्मीद कर रहे थे कि इस बार अच्छे से समय पर खेती कर पाएंगे, पर उनके पास पैसे ही नहीं है. उन्हें लग रहा है कि इस बार उन्हें कर्ज लेकर खेती करना पड़ेगा. 

सिमरिया के 104 किसानों को नहीं मिला पैसा

सिमरिया के टंडवा प्रखंड के अलावा सिमरिया प्रखंड का भी यही हाल है. सिमरिय पैक्स के 104 किसान अभी भी धान की दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं. पहली किस्त के तौर पर किसानों को 10.20 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान किया गया था. वहीं छह महीने बीत जाते के बाद भी अब तक 10.30 रुपये प्रति किलो की राशि का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. वहीं जिले के डीएसओ का कहना है कि किसानों से खरीदे गए धान को मिल तक पहुंचाया गया है. जैसे जैसे चावल की आपूर्ति होगी किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा. 


 

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