करनाल की नई अनाज मंडी प्रदेशभर में गेहूं उठान मामले में पहले स्थान पर चल रही है. मंडी प्रशासन की मानें तो करनाल मंडी में अब तक करीब नौ लाख 65 हजार नौ सौ क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है. इसमें से 9.50 लाख क्विंटल गेहूं बिक चुका है जबकि 76 प्रतिशत तक लिफ्टिंग हो चुकी है. किसानों को गेहूं का समर्थन मूल्य मिल रहा है, जबकि गेहूं की खरीद 15 मई तक चलेगी. मंडी प्रशासन ने कहा कि मंडी में आने वाले किसानों को खरीद कार्य में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी. किसानों के लिए हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया गया है और गेहूं खरीद का काम आसानी से चल रहा है.
श्रीभगवान करनाल सचिव, मार्केट कमेटी ने जानाकरी देते हुए कहा अनाज मंडी में 9.65 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है जबकि साढ़े नौ लाख क्विंटल गेहूं बिक चुका है. उन्होंने कहा कि हल्की बरसात से जो कुछ गेहूं भीग गया था, उसे सुखाकर ठीक कर दिया है. इसलिए गेहूं के खराब होने का खतरा भी खत्म हो गया है. किसानों में भी इस बात को लेकर चिंता थी कि भीगे गेहूं का क्या होगा. खरीद को लेकर भी आशंका थी. लेकिन एमएसपी में कुछ कम कट लगाकर गेहूं की खरीद हो रही है.
मंडी पहुंचे किसान सेवा सिंह आर्य ने कहा कि उठान की व्यवस्था धीमी गति से चल रही थी जो कि शुक्रवार से तेज हो गई है. मंडी में अब पूरी तरह से उठान की सही व्यवस्था शुरू हो गई है. इससे सभी को फायदा होगा. उठान तेजी से होगा तो इससे किसानों को तो फायदा होगा ही, साथ ही सरकार को भी फायदा होगा. जब गेहूं तुलकर कट्टों या बोरियों में भर दी जाती है तो उसके बाद इसकी जिम्मेदारी सरकार की होती है. अगर बरसात हो जाए तो किसान के पास इतनी व्यवस्था नहीं होती कि फसल को भीगने से बचा सके. इसकी व्यवस्था सरकार के साथ-साथ आढ़ती को भी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को पेमेंट मिलनी शुरू हो चुकी है.
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मंडी की व्यवस्था से करनाल के आढ़ती भी खुश नजर आए. आढ़ती सुरेंद्र त्यागी ने कहा कि मंडी में उपज खरीद की अच्छी व्यवस्था देखी जा रही है. पिछले दो दिनों में लोडिंग को लेकर दिक्कत आई थी क्योंकि उस वक्त गेहूं की आवक ज्यादा हो गई थी. बरसात के कारण गेहूं भीग गया तो उसे सुखा दिया गया है. गेहूं की बिक्री पर समर्थन मूल्य भी मिल रहा हैं. हालांकि बरसात से गेहूं में थोड़ी क्वालिटी खराब आई है, लेकिन सरकार द्वारा पूरे रेट दिए जा रहे हैं. सरकार ने पहले ही बता दिया था कि एमएसपी में कट की भरपाई की जाएगी.
मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसान महक सिंह ने भी उपज बिक्री की व्यवस्था को सही और सुविधाजनक बताया. उन्होंने कहा, बरसात के कारण कुछ परेशानी आई थी. लेकिन अब कोई समस्या नही है. प्रशासन को पूरा सहयोग मिल रहा है. किसानों को गेहूं का पूरा समर्थन मूल्य मिल रहा है. किसानों को मंडी में कोई परेशानी नहीं आने दी जा रही है. खरीद अच्छी होने के साथ ही उसकी लोडिंग भी सही प्रकार से हो रही है. इससे किसानों के साथ-साथ आढ़तियों में भी खुशी है.
मंडी में एक किसान ने कहा कि उठान की व्यवस्था पहले ठीक नहीं थी, लेकिन जब किसानों की बातें प्रशासन तक पहुंची तो इसमें तेजी आई. अब उठान सही हो गया है. इससे किसानों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा है. किसान का गेहूं भीगने या खराब होने से बच जाएगा जबकि सरकार को अच्छी क्वालिटी का गेहूं मिलेगी. किसान ने कहा कि मंडी में लाखों टन गेहूं आता है जिसे भीगने से बचाने के लिए तिरपाल की व्यवस्था होनी चाहिए. आढ़ती इतनी बड़ी मात्रा के लिए तिरपाल नहीं रख सकते, इसलिए सरकार को तिरपाल बांटने का इंतजाम करना चाहिए ताकि बरसात में किसानों की उपज खराब न हो.
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किसान धरम सिंह ने कहा कि सरकार की व्यवस्था से वे बहुत खुश हैं और अब गेहूं उठान में कोई दिक्कत नहीं आ रही है. किसानों के खाते में पैसे आने भी शुरू हो गए हैं. आढ़ती भी सरकार के काम से खुश हैं और उनका कहना है कि अब लिफ्टिंग में कोई परेशानी नहीं आ रही है. किसानों से उपज खरीद के साथ ही उसका उठान भी सही समय पर हो रहा है. किसानों को उनकी उपज का पैसा भी दिया जा रहा है. पहले तिरपाल की कुछ समस्या थी, जिसे अब दुरुस्त कर लिया गया है.