
गुजरात के अमरेली जिले में बेमौसम बारिश ने अंधेरा सा कर दिया है. अमरेली जिले में पूरी रात बारिश होती रही जिससे कृषि फसलों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीण इलाकों में किसान इस बात से आश्वस्त हैं कि उनके खेतों में लगी मूंगफली कट गई है, लेकिन बारिश अभी भी धीमी गति से हो रही है. खेतों में मूंगफली की क्यारियां पानी से लबालब हो गई हैं. पहले भी पिछली बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचाया था और इस बेमौसम बारिश ने फिर से मूंगफली और कपास की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसानों ने मूंगफली को निकालकर खुले मैदान में आंगन में ले जाने की तैयारी की थी, लेकिन इसी बीच बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी.
अमरेली जिले में सावरकुंडला में अंबरडी गांव पड़ता है. ये कृषि प्रधान गांव है, जहां कल से हो रही बारिश किसानों के लिए आफत साबित हुई है. किसानों की भूख मिटने के विश्वास के बीच, किसानों ने मूंगफली की क्यारियां तैयार थीं. ये मूंगफली तैयार करके आंगन में ले जाने का समय आया ही था, लेकिन बेमौसम बारिश ने मानो किसानों की कमर तोड़ दी हो. कई जगहों पर मूंगफली की क्यारियां भीग गई हैं और मूंगफली खाद बन गई है. किसान अपनी उपज देखकर आहें भर रहे हैं. जब भगवान स्वयं रूठ जाते हैं, तो किसानों की हालत दयनीय हो जाती है. यही नजारा इस समय अंबरडी गांव में देखने को मिल रही है. यहां के किसान निराश होकर सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
किसानों का कहना है कि अब सरकार के पास आंकड़े उपलब्ध हैं और अगर बची हुई सारी मूंगफली समर्थन मूल्य पर ख़रीद ली जाए, तभी किसान चैन से बैठ पाएंग. वरना किसानों के पास आत्महत्या करने की नौबत आ गई है. किसान अपना अफ़सोस ज़ाहिर कर रहे हैं.
इसको लेकर एक किसान नीलेश सभाया ने बताया कि कल रात से बहुत भारी बारिश हो रही है और इससे सभी खेतों को बहुत बड़ा नुकसान है. कपास में नुकसान है, प्याज में नुकसान है, सभी फसलों में नुकसान है. सरकार सरकार से एक ही अपेक्षा है कि सब खेतों का रजिस्टेशन करवा दिया गया है, ऑनलाइन रजिस्टेशन किया है. जो सरकार हर बार सर्वे कराती है, वो सर्वे का दूरउपयोग ना करे.
सरकार के पास सब डेटा है. वहीं एक दूसरे किसान महेश पाटिल ने बताया कि अभी बेमौसमी बारिश से बहुत बहुत नुकसान हुआ है. सभी फसलों को हुआ है, जैसे कि मुंखफली हो, कपास हो, प्याज हो, सभी खरीफ सीजन की फसलों में बहुत नुकसान हुआ है. हमारे यहां गुजरात में, पहले प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना लागू थी, अब वो भी नहीं है और स्वर्गीय मुख्यमंत्री विजय रुपानी साहिब ने 2019 में, मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना लागू किया था, वो भी बंद है. आज गुजरात का किसान निराधार है.
(रिपोर्ट- फारुकभाई सैय्यदकादरी)
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