एग्रीकल्चर छात्र ने पेश की मिसाल, पढ़ाई के साथ केले की खेती में पा रहे अच्छा मुनाफा

एग्रीकल्चर छात्र ने पेश की मिसाल, पढ़ाई के साथ केले की खेती में पा रहे अच्छा मुनाफा

कोरोना काल में जब लोग घरों में कैद थे. काम धंधा चौपट पड़ा था. बच्चे भी घरों में ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे. तब अभिषेक पाल ने कुछ नया करने का सोचा. पाल ने पढ़ाई के साथ केले की खेती शुरू की. जांजगीर में केले और पपीते से किसानों को अच्छी आमदनी होती है. अभिषेक पाल ने भी इस अवसर का फायदा उठाया.

जांजगीर में केले की खेती करने वाले कृषि छात्र अभिषेक पालजांजगीर में केले की खेती करने वाले कृषि छात्र अभिषेक पाल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 19, 2022,
  • Updated Dec 19, 2022, 5:13 PM IST

यह कहानी छत्तीसगढ़ के जांजगीर की है. यहां के एक कृषि छात्र ने पढ़ाई के साथ केले की खेती कर अच्छी कमाई की है. पढ़ाई, खेती और कमाई का उनका यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है. इन किसान छात्र का नाम अभिषेक पाल है. अभिषेक पाल अपने आसपास के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. अभिषेक का मानना है कि पढ़ाई के साथ अगर कमाई भी हो जाए तो क्या बुरा है. कम से कम रोजगार के लिए शहरों में दर-दर की ठोकरें तो नहीं खानी होगी. कितनी अच्छी बात है कि पढ़ाई के साथ ही कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर हो जाए.

अभिषेक की सक्सेस स्टोरी

अब आइए इस खबर को विस्तार से जान लेते हैं. कृषि छात्र अभिषेक पाल जांजगीर, छत्तीसगढ़ के पाली के रहने वाले हैं. वे कृषि की पढ़ाई करते हैं. इसी दौरान उन्हें केले की खेती के बारे में जर्वे के कृषि विज्ञान केंद्र से प्रेरणा मिली और वे आगे बढ़ते गए. अभिषेक पाल ने एक नई मिसाल पेश करते हुए पढ़ाई के साथ केले की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. अभिषेक के इस प्रयास की तारीफ कृषि वैज्ञानिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी की है.

अभिषेक पाल अपने गांव में एक एकड़ खेत में केले की खेती कर रहे हैं. कोरोना काल में जब लोग घरों में कैद थे. यहां तक कि छात्र भी घरों में ऑनलाइन ही पढ़ाई करते थे. तब अभिषेक पाल ने 'आपदा में अवसर' तलाशने के बारे में सोचा. अभिषेक ने परिवार की आय को बढ़ाने पर विचार किया क्योंकि उस वक्त सबकुछ लगभग चौपट सा गया था. उन्होंने घर पर रहते हुए पढ़ाई के साथ-साथ केले की खेती शुरू की.

तीन साल में हुई अच्छी कमाई

अभिषेक की खेती रंग लाई और पिछले तीन साल में इससे उन्हें बंपर कमाई हुई है. अब वे इसमें मन लगाकर काम कर रहे हैं, साथ में पढ़ाई भी जारी है. अभिषेक पाल 'डीडी न्यूज' से कहते हैं, खाली जमीन पड़ी हुई थी. कोरोना में घर पर रहकर ही पढ़ाई चल रही थी. ऐसे में मन में खयाल आया कि क्यों न कुछ नया किया जाए. दिमाग लगाया तो पता चला कि केले की फसल अच्छी आमदनी दे सकती है. इस इलाके में सभी फसलें ठीक होती हैं, पर केले का काम अधिक फायदे वाला है. यही सोचकर इसकी खेती शुरू की. आज ठीक आमदनी हो रही है.

अभिषेक पाल का कहना है कि उन्होंने जैसा सोचा था, उससे कहीं अधिक अच्छा रिजल्ट केले की खेती में मिला है. अच्छी आमदनी होते देख अभिषेक पाल केले की खेती का रकबा बढ़ाकर इसे और भी विस्तार देना चाहते हैं. वे अकेले इस काम में नहीं लगे बल्कि और भी कई युवाओं को जोड़ रहे हैं और खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. अभिषेक का मानना है कि युवा पढ़ाई के साथ-साथ खेती कर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं.

कृषि वैज्ञानिकों ने की तारीफ

कृषि वैज्ञानिक भी अभिषेक के प्रयास की सराहना कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिक राजीव दीक्षित कहते हैं, अभिषेक पाल एग्रीकल्चर कॉलेज रायगढ़ में चौथे साल के छात्र हैं. यह अच्छी बात है कि एग्रीकल्चर की पढ़ाई के साथ-साथ अपने घर की मदद से केले की खेती की है. इस फसल से अच्छी आय हो रही है. और भी फसल है जैसे कि पपीता, जिसकी खेती में अच्छी आमदनी हो सकती है. केले और पपीता ऐसी फसल में आते हैं जिनकी कमाई 6 से 8 महीने में आने लगती है. 

अभिषेक पाल के इस कदम से बाकी युवा भी सीख ले रहे हैं और खेती की ओर बढ़ रहे हैं. गांव के कई युवा जो पढ़ाई के बाद या पढ़ाई छोड़कर ही शहर नौकरी के लिए जाते हैं, उनके विपरीत अभिषेक पाल ने एक नई मिसाल कायम की है.

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