Makhana: वैश्विक पहचान की ओर बढ़ता सुपरफूड मखाना, किसान और सरकार की कमाई में भारी बढ़ोतरी

Makhana: वैश्विक पहचान की ओर बढ़ता सुपरफूड मखाना, किसान और सरकार की कमाई में भारी बढ़ोतरी

Makhana farming: लोकल से ग्लोबल हो रहा मिथिला का मखान. 10 वर्षों में हुई दोगुनी वृद्धि के साथ राजस्व में भी जबरदस्त उछाल. वहीं अब 10 जिलों से बढ़कर 16 जिलों तक पहुंची मिथिला के मखाना की खेती, किसानों को हो रही अच्छी कमाई.

Makhana Side EffectsMakhana Side Effects
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jun 19, 2025,
  • Updated Jun 19, 2025, 3:21 PM IST

बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र की उपज मखाना आज न केवल राज्य और देश में, बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुका है. यह जितना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, उतना ही राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक सिद्ध हो रहा है. यदि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले 20 वर्षों में मखाना का राज्य के राजस्व में योगदान 4.57 गुना से अधिक बढ़ा है. 

मिथिलांचल का यह पारंपरिक खाद्य उत्पाद अब वैश्विक स्तर पर “मिथिला सुपरफूड” के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने की ओर अग्रसर है. साथ ही समय के साथ इसकी खेती का विस्तार राज्य के अन्य जिलों में भी देखा जा रहा है.

मखाना की खेती और उत्पादन में हुई दोगुनी वृद्धि

पारंपरिक स्वाद और पोषण का प्रतीक मिथिला मखाना की खेती 2012 तक बिहार के केवल 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होती थी, जो अब बढ़कर 35,224 हेक्टेयर तक पहुंच गई है. वहीं, उत्पादकता भी 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है. इस क्रांति में मखाना विकास योजना और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के अंतर्गत उपज क्षेत्र का विस्तार और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता ने अहम भूमिका निभाई है. 

इसका परिणाम यह हुआ कि 20 अगस्त 2022 को मिथिला मखाना को भौगोलिक संकेतक (GI टैग) प्राप्त हुआ. इसके बाद मखाना को वैश्विक बाजार में नई पहचान मिली और अब यह एक ब्रांडेड अंतरराष्ट्रीय उत्पाद के रूप में स्थापित हो चुका है.

मखाना के राजस्व में जबरदस्त उछाल

2005 से पहले मखाना और मत्स्य जलकरों से राज्य सरकार को केवल 3.83 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जो 2023-24 में बढ़कर 17.52 करोड़ रुपये हो गया. यानी इसमें 4.57 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. हाल ही में बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (कॉम्फेड) के ब्रांड 'सुधा' द्वारा मखाना अमेरिका भेजा गया, जो वैश्विक विस्तार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. भारत के बाहर अब मिथिला का यह पारंपरिक मखाना "सुपरफूड" के नाम से जाना जा रहा है.

कई जिलों में मखाना के बढ़ते कदम

वर्तमान में मखाना का उत्पादन मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया जैसे जिलों में हो रहा है. मांग में निरंतर वृद्धि को देखते हुए इसकी खेती अब राज्य के 16 जिलों तक फैल चुकी है. देश के कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत बिहार में होता है, इसीलिए केंद्र सरकार अब "मखाना बोर्ड" के गठन की दिशा में कार्य कर रही है. यह बोर्ड क्षेत्र विस्तार, यंत्रीकरण, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात जैसे कार्यों में समन्वय स्थापित करेगा और किसानों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं के बीच सेतु का काम करेगा.

MORE NEWS

Read more!