महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार अभियान तेज है. जल्दी ही 20 नवंबर को होने वाली वोटिंग के लिए प्रचार अभियान पर विराम लगने वाला है. ऐसे में सभी दल जनता को लुभाने में जुटे हुए हैं. सत्तारूढ़ दल और विपक्षी पार्टियां किसानों को अपने पक्ष में करने में लगे हैं. इसी क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किसानों की भलाई के लिए किए गए कामों को गिनाया.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्याज किसानों के हित के लिए प्याज के एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटाने के साथ एक्सपोर्ट शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया है, जिससे प्याज के दाम बढ़े और किसान भाइयों को फायदा हुआ. इसके अलावा हमने मलेशिया, इंडोनेशिया से जीरो पर्सेंट ड्यूटी पर आयात किए जाने वाले पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत की है, ताकि किसानों को सोयाबीन के ठीक दाम मिल सके. वर्तमान में सोयाबीन की एमएसपी है 4 हजार 892 रुपए है. केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को अनुमति दी है कि वह एमएसपी पर सोयाबीन खरीदें.
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इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सोयाबीन में नमी की सीमा को 12% से बढ़ाकर 15% करने का फैसला किया है. इसका आदेश भी जारी कर दिया गया हैं, ताकि महाराष्ट्र में सोयाबीन खरीदी में कोई दिक्कत न हो. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने एक योजना यह भी बनाई है, जिसमें प्याज, टमाटर और आलू के दाम गिरते हैं तो किसान को नुकसान होता है, इसलिए आईसीएआर लागत पर 50% मुनाफा जोड़कर मॉडल रेट तय करेगा.
अब बाजार रेट और मॉडल रेट का अंतर किसानों को दिया जाएगा, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत नुकसान वहन करेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. महाराष्ट्र सरकार ने भी किसानों के कल्याण के लिए जबरदस्त काम किया है. पीएम आशा योजना के तहत अगर कोई किसान अपने उत्पाद को कहीं बाहर बेचना चाहता है तो उसके ट्रांसपोर्टेशन का खर्च सरकार उठाएगी.
उन्होंने एक जनसभा के दौरान विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी पर हमला बोलते हुए उसे महाविनाश अघाड़ी बताया और कहा कि ये जहां भी जाते हैं वहां बर्बाद ही करते हैं. बता दें कि 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में होने वाले चुनावों की मतगणना 23 नवंबर को होगी. इस विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला महायुति (भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट, एनसीपी अजित पवार) और महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार) के बीच है. इस चुनाव में किसान निर्णायक भूमिका निभाने वाले हैं.