संगरूर में किसानों ने की बड़ी रैली, पुलिस राज और जमीन नीति का किया विरोध

संगरूर में किसानों ने की बड़ी रैली, पुलिस राज और जमीन नीति का किया विरोध

पंजाब के संगरूर में किसानों ने बड़ी रैली की और पंजाब सरकार की नीतियों का विरोध किया. इसमें पुलिस पर कई आरोप लगाए गए और किसानों ने कहा कि सरकार पंजाब में पुलिस राज कायम करना चाहती है. किसानों ने सरकार की जमीन नीति का भी विरोध किया.

SKM Support 9 July Strike laborers and farmers protestSKM Support 9 July Strike laborers and farmers protest
क‍िसान तक
  • Sangrur/Faridkot,
  • Jul 25, 2025,
  • Updated Jul 25, 2025, 8:56 PM IST

पंजाब के संगरूर में शुक्रवार को किसान मजदूर यूनियन की ओर से एक अहम रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का मुख्य उद्देश्य पंजाब सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों का विरोध करना था. रैली में शामिल किसान नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंजाब में धीरे-धीरे एक तरह का "पुलिस राज" लागू किया जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए.

किसान नेताओं का आरोप है कि पंजाब पुलिस फर्जी मुठभेड़ गढ़कर नौजवानों को निशाना बना रही है और उन पर गोलियां चलाई जा रही हैं. उन्होंने हाल ही में संगरूर में ज़मीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी द्वारा किए गए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान पंजाब पुलिस ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, जो अब तक जेल में बंद हैं. यूनियन की मांग है कि इन नेताओं को जल्द से जल्द रिहा किया जाए.

किसानों ने दी चेतावनी

किसानों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. इस रैली में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के सूबा प्रधान (राज्य अध्यक्ष) जोगिंदर सिंह उगराहां भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा लाई जा रही "लैंडस्केप पॉलिसी" भी किसानों के हित में नहीं है और इससे किसानों को भारी नुकसान होगा. उन्होंने साफ किया कि उनकी यूनियन इस नीति का डटकर विरोध करेगी.

इसके अलावा, निर्भय सिंह, जो कि भारतीय किर्ती किसान यूनियन के सूबा प्रधान हैं, उन्होंने भी इस रैली में हिस्सा लिया और सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए दमनकारी नीतियों का सहारा ले रही है, लेकिन किसान इससे डरने वाले नहीं हैं.

रैली में जुटे किसानों ने एकजुट होकर ऐलान किया कि वे पंजाब में पुलिस की ज्यादतियों और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहेंगे. पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो राज्यभर में और बड़े आंदोलन होंगे.

अग्निवीर के समर्थन में डल्लेवाल

दूसरी ओर, पंजाब के जिला फरीदकोट में कुछ माह पूर्व ड्यूटी के दौरान मारे गए जिले के गांव चहल निवासी अग्निवीर आकाशदीप सिंह को बलिदानी का दर्जा दिलाने के लिए भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर द्वारा शुक्रवार से संघर्ष शुरू कर दिया गया. इस संबंध में शुक्रवार को स्थानीय मिनी सचिवालय में धरना देने के बाद शहर में मार्च भी निकाला गया जिसमें अग्निवीर आकाशदीप सिंह के स्वजन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी उपस्थित रहे. यह भी बताना जरूरी है कि अग्निवीर आकाशदीप सिंह की अस्थियां अभी परिवार ने जलप्रवाह नहीं की हैं. 

इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकारों द्वारा निजीकरण के नाम पर कार्पोरेट घरानों को सभी काम सौंपे जा रहे हैं जिसके चलते बड़ी संख्या में जहां युवाओं का आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है. वहीं दूसरी ओर दिनों दिन बेरोजगारी बढ़ रही है. इसके चलते युवा वर्ग गलत रास्ते पर चलने लगा है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी बढ़ने के कारण युवा वर्ग सेना में भर्ती होने लगा था जिससे वे देश की सेवा करने के साथ-साथ अपने परिवार का पेट भी पाल रहे थे. लेकिन अब अग्निवीर योजना के तहत सरकार यहां भी युवाओं के साथ धोखा कर रही है.

उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष की नौकरी के बाद सेना का जवान घर चला आएगा और फिर उसे घर चलाने के लिए नया रोजगार ढूंढना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त आकाशदीप सिंह जैसे युवा जो ड्यूटी के दौरान मारे गए उन्हें भी सरकार न ही बलिदानी का दर्जा दे रही है और न ही बलिदानी को मिलने वाली सहूलियतें ही दे रही है, जो एक बड़ी नाइंसाफी है.(संगरूर से कुलवीर सिंह और फरीदकोट से प्रेम पासी का इनपुट)

MORE NEWS

Read more!