प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता का कृषि क्षेत्र पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इसे लेकर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक अभिनंदन करते हुए किसान भाइयों-बहनों को बधाई दी है. शिवराज सिंह ने कहा कि यह समझौता अद्भुत, अभूतपूर्व, ऐतिहासिक और राष्ट्र और किसानों के व्यापक हित में है.
आज दिल्ली में मीडिया को दिए वक्तव्य में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारा ब्रिटेन के साथ जो व्यापक आर्थिक व्यापार समझौता हुआ है, वो भारतीय कृषि और किसानों के लिए वरदान है. भारत ट्रेड सरप्लस देश है, मतलब हम यूके को 8 हजार 500 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद निर्यात करते हैं और वहां से हम 3 हजार 200 करोड़ रुपये कृषि उत्पाद आयात करते हैं. मतलब, हमारा निर्यात ज़्यादा है और आयात कम है. इसका फायदा निर्यात ज्यादा होगा तो निश्चित तौर पर भारत को मिलेगा.
शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हितों का पूरी तरह संरक्षण किया गया है. किसान हित हमारे लिए सर्वोपरि है. किसानों की सेवा भगवान की पूजा जैसी है, इसलिए ऐसी चीजें, जिनके आयात से हमारे किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता था, उनमें कोई रियायत समझौते पर नहीं दी गई है. गेहूं, चावल, मक्का, अनाजों में जिनका व्यापक उत्पादन होता है हमारे यहां, भारत ने कोई कन्सेशन नहीं दिया है. अगर हम फलों में देखें तो सेब, अनार, अंगूर, नाशपाती, आलू बुखारा, फलों का राजा आम, अमरूद इन पर भी हमने कोई कन्सेशन नहीं दिया है.
उन्होंने कहा कि हम ऑयल सीड्स को देखें, तिलहन को देखे तो सोयाबीन, मूंगफली, सरसों में हमने कोई रियायत नहीं दी है. वहीं, नट्स को देखें तो काजू, बादाम, अखरोट इन पर हमने कोई रियायत नहीं दी है. सब्जियों में आलू, प्याज, टमाटर, लहसुन, मटर जो हमारे यहां व्यापक पैमाने पर होता है, हमने यूके को कोई कन्सेशन नहीं दिया है. इसी तरह, दलहन में काला चना, चना, उड़द, मूंग, मसूर, राजमा, तुअर इन पर हमने कोई छूट यूके को नहीं दी है. फूलों में गुलाब, लीली, ऑर्किड इन पर हमने कोई रियायत नहीं दी है. मसालों में हल्दी, बड़ी इलायची जैसे मसालों पर भी हमने कोई छूट नहीं दी है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि इसका मतलब है कि ये चीजें भारत में यूके से सस्ती नहीं आएंगी तो किसानों के आर्थिक हित सुरक्षित रखे गए हैं. दूसरी तरफ यूके ने जिन चीजों पर 0 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी की है, यूके को हमारा कृषि उत्पाद जाता है, चाहे फसलें हो, फल-सब्जियां हो, उन पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगती थी, लेकिन व्यापक पैमाने पर, इसलिए क्योंकि सभी प्रमुख कृषि उत्पादों पर इम्पोर्ट ड्यूटी 0 फीसदी कर दी गई है. मतलब, यूके की जनता अब भारत से जो कृषि उत्पाद जाएंगे, उन्हें सस्ता खरीद सकती है, क्योंकि इम्पोर्ट ड्यूटी नहीं लगेगी.
अगर इम्पोर्ट ड्यूटी लगती तो वहां महंगा होता, और अगर वहां महंगा होता तो खरीद की संभावनाएं कम होती. उस श्रेणी में देखें तो सारे फल, सूखे मेवे, सभी सब्जियां, सभी तिलहन मतलब सरसों हो, सोयाबीन, मूंगफली हो, सभी दलहन, जितनी भी दालें हैं, सभी फूल, सभी औषधि पौधे, इन पर इम्पोर्ट ड्यूटी जीरो कर दी गई है. इसका मतलब है अब हमारे ये कृषि उत्पाद व्यापक पैमाने पर वहां जा सकेंगे. हमारा निर्यात बढ़ेगा, वहीं, आयात पर हमने कोई रियायत नहीं दी है, लेकिन निर्यात पर 0 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी पर ये चीजें जाएंगी हमारी, तो वहां इम्पोर्ट ड्यूटी 0 फीसदी है, जिससे इनका व्यापार बढ़ेगा, निर्यात ज्यादा होगा और, डेरी उत्पादों को भी इसी श्रेणी में रखा गया है.