Jharkhand News: चंपई सोरेन ने अभी तक नहीं खोले पत्ते, इधर डैमेज कंट्रोल में जुटा इंडिया गठंबधन

Jharkhand News: चंपई सोरेन ने अभी तक नहीं खोले पत्ते, इधर डैमेज कंट्रोल में जुटा इंडिया गठंबधन

चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बीच कोल्हान में इंडिया गठबंधन को होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए कांग्रेस और जेएमएम लगातार दिल्ली के संपर्क में हैं. ये पार्टियां आगे की रणनीति बनाने को लेकर तैयारियां कर रही हैं और डैमेज कंट्रोल पर ध्यान लगाया जा रहा है.

चंपई सोरेन (फाइल फोटो)चंपई सोरेन (फाइल फोटो)
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Aug 20, 2024,
  • Updated Aug 20, 2024, 4:42 PM IST

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की खबरों के बीच चंपई सोरेन दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. यह माना जा रहा है कि उन्हें कभी भी बीजेपी में शामिल कराया जा सकता है. हालांकि खबर यह भी है कि पार्टी में शामिल होने के पहले बीजेपी के कई बड़े नेताओं से चंपई सोरेन की मुलाकात हो सकती है. माना जा रहा है कि चंपई सोरेन लगातार कृषि मंत्री शिवराज सिंह और असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के संपर्क में हैं. उन्हें पार्टी में शामिल कराने के लिए पश्चिम बंगाल के एक बड़े नेता को लगाया गया है. दिल्ली आने से पहले कोलकाता में हुई बैठक में वह नेता भी शामिल थे. 

हालांकि अभी तक चंपई सोरेन की तरफ से कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है. इसके साथ ही खबर यह भी थी कि चंपई सोरेन के साथ लगभग छह विधायक हैं जो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. लेकिन इस बीच चंपई सोरेन ने यह साफ कर दिया है कि वह फिलहाल अकेले ही हैं. अब ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर वह अकेले बीजेपी में शामिल होते हैं तो चुनाव में कैसे इसका फायदा बीजेपी को हो सकता है. चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को अपने उन नेताओं और कार्यकर्ताओं को मैनेज करने में परेशानी हो सकती है जो इस क्षेत्र में टिकट मिलने की उम्मीद लेकर चल रहे थे. खबर यह भी है कि चंपई बीजेपी से अपने बेटे के लिए भी एक टिकट मांग सकते हैं. 

ये भी पढ़ेंः झारखंड में सियासी पारा चढ़ा, भाजपा का दामन थामेंगे पूर्व सीएम चंपई सोरेन? JMM नेता नहीं दे पा रहे जवाब

JMM से बीजेपी में आकर हिट होते हैं नेता

कोल्हान के इतिहास को देखें तो यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़कर जो नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुआ है, वह हिट साबित हुआ है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा इसमें सबसे पहला नाम है, जो 1995 में जएमएम से विधायक चुने गए थे. इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद वे तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए. 2014 में विद्युत वरण महतो जेएमएम छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. अब वह तीसरी बार यहां से सांसद हैं. हालांकि यह रिकॉर्ड संथाल में बीजेपी में शामिल हुए नेताओं का नहीं है. चंपई सोरेन जेएमएम के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. इसलिए कोल्हान में उनकी मजबूत पकड़ है.

डैमेज कंट्रोल में जुटा इंडिया गठबंधन

कोल्हान की इस स्थिति को देखते हुए अब इंडिया गठबंधन भी यहां पर डैमेज कंट्रोल करने में जुट गया है. चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बीच कोल्हान में इंडिया गठबंधन को होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए पार्टी लगातार दिल्ली के संपर्क में है. इंडिया गठबंधन का मानना है कि अगर चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो आने वाले चुनाव में गठबंधन की पकड़ आदिवासी वोटरों पर कमजोर पड़ सकती है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कांग्रेस और जेएमएम के बड़े नेता इस मुद्दे पर आलाकमान से बातचीत कर सकते हैं. आदिवासी वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस भी लगातार रणनीति बना रही है. ऐसे में चंपई सोरेन का पाला बदलना इंडिया गठबंधन के लिए अच्छी खबर तो नहीं होगी. 

ये भी पढ़ेंः चंपई के पोस्ट से मचा सियासी बवाल, CM सोरेन ने BJP पर लगाया पार्टी और घर तोड़ने का आरोप

कोल्हान में चंपई की चुनौती

कहा जा रहा है कि कोल्हान में चंपई सोरेन के लिए राह आसान नहीं होगी क्योंकि चंपई सोरेन के बाद भी जेएमएम के कई बड़े नेता हैं जो यहां पर सेकेंड लाइन के तौर पर तैयार हैं. इनमें जोबा मांझी, दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन और दशरथ गगराई का नाम प्रमुख है. चंपई के जाने के बाद पार्टी को भरोसा है कि इन चेहरों की बदौलत वह कोल्हान में चंपई की कमी को पूरा कर सकती है और डैमेज कंट्रोल कर सकती है. चंपई की उपस्थिति में कोल्हान जेएमएम का गढ़ माना जाता था, पर अब उनकी अनुपस्थिति में यहां के दूसरे बड़े चेहरे इस अभेद्य किले को कितना सुपक्षित रख पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी. हालांकि जेएमएम भी इस मैदान को इतनी आसानी से नहीं छोड़ेगा.
 

 

MORE NEWS

Read more!