झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. अफवाहों को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि चंपई सोरेन ने अपने एक्स प्रोफाइल के बायो से जेएमएम का नाम हटा दिया है. इसे हटाने के बाद कुछ घंटों बाद उन्होंने अपने एक्स अंकाउट पर एक दर्द भरा पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने पार्टी के अंदर हुए अपने अपमान का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि किस तरह से पांच महीने के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें अपमानित होना पड़ा और कैसे उन्हें बतौर मुख्यमंत्री फैसले लेने तक का अधिकार नहीं था. आत्म सम्मान पर लगी इस चोट के बाद ही कोल्हान टाइगर ने वैकल्पिक राह तलाशने के बारे में विचार किया.
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था, लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था. मुझे ऐसा लगा, मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं है, कोई अस्तित्व ही नहीं है, जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुईं, जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता. इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने हेतु मजबूर हो गया. मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि - "आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है." इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे, पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना.
जोहार साथियों,
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18, 2024
आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
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इस पोस्ट को पढ़कर साफ समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही चंपई सोरेन अपने लिए नए विकल्प की तलाश कर रहे थे. चंपई सोरेन का कद झारखंड मुक्ति मोर्चा में काफी बड़ा है क्योंकि वह इसके संस्थापक सदस्यों के तौर पर माने जाते हैं. चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों की भनक कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी होगी. क्योंकि सूत्रों के मुताबिक चंपई सोरेन और उनके साथ पार्टी छह और विधायक पार्टी नेतृत्व के संपर्क में नहीं है. इस मामले में हेमंत सोरेन ने भी आज बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी पैसे के दम पर घर और पार्टी को तोड़ने का काम कर रही है. पैसे के दम पर नेताओं और विधायकों को खरीदा जा रहा है.
वहीं चंपई सोरेन के एक्स हैंडल पर किए गए पोस्ट के बाद झारखंड में बीजेपी नेताओं के भी बयान आने शुरू हो गए हैं. झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा कि “यह एक भावनात्मक और हार्दिक पोस्ट थी. ऐसा क्या हुआ होगा कि जो व्यक्ति हमेशा अपने काम के प्रति प्रतिबद्ध रहा है, उसे ऐसी पोस्ट लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं रांची भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि, वह (चंपई सोरेन) एक इंसान हैं. उनके सीने में भी दिल होता है. उन्होंने जो कुछ भी कहा है.. उनके साथ जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है.
झारखंड के पूर्व सीएम और जेएमएम नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा पर बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि, चंपई सोरेन ने कहा कि वह और अधिक काम करना चाहते हैं, इसके बावजूद पांच महीने तक सीएम रहने के बाद उन्हें बाहर कर हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन का अपमान किया. वह कोल्हान क्षेत्र के एक मजबूत नेता हैं और उन्हें 'कोल्हान टाइगर' के नाम से जाना जाता है. उसे निर्मम तरीके से हटाया गया. जहां तक पार्टी (बीजेपी) में उनके प्रवेश का सवाल है, फैसला हमारे केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के हाथ में है.
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हालांकि इस मामले पर अभी तक चंपई सोरेन ने खुलकर कुछ नहीं कहा है. अब तक वो इशारों में ही बात कर रहे हैं. दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो अपने निजी काम से दिल्ली आए हैं. पर यह बयान उन्होंने रविवार को दिया था. हालांकि शाम होते तक उन्होंने अपने एक्स पोस्ट के जरिए बहुत कुछ साफ कर दिया है. उनके साथ छह और विधायक भी दिल्ली गए हैं. इनमें एक पूर्व जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी है जो अधिकारिक तौर पर जेएमएम को छोड़कर बीजेपी में जाने की बात कह चुके हैं.
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