Success Story: खजूर की खेती से सालाना 12 लाख की कमाई, मौसम की बेरुखी से परेशान किसान ने अपनाई नई तरकीब

Success Story: खजूर की खेती से सालाना 12 लाख की कमाई, मौसम की बेरुखी से परेशान किसान ने अपनाई नई तरकीब

महाराष्ट्र के बीड जिले का एक किसान इस क्षेत्र के किसानों के लिए आदर्श बन गया है. किसान दत्तात्रेय ने बताया कि वो डेढ़ एकड़ क्षेत्र में 80 खजूर के पेड़ लगाए गए हैं, जिससे वो सालाना 12 लाख रुपये की कमाई करते हैं.

खजूर की खेतीखजूर की खेती
रोहिदास हातागले
  • Beed,
  • Aug 04, 2025,
  • Updated Aug 04, 2025, 4:40 PM IST

महाराष्ट्र के बीड जिले के केलसांगवी गांव का एक किसान अन्य किसानों के लिए आदर्श बन गया है. दरअसल, किसान दत्तात्रेय घुले
ने पारंपरिक खेती छोड़ आधुनिक तकनीकों को अपनाकर खजूर की खेती का सफल प्रयोग किया है. इस किसान ने अपने डेढ़ एकड़ खेत में 80 खजूर के पेड़ लगाए हैं, जिनसे उसे सालाना 10 से 12 लाख रुपये की कमाई हो रही है. केलसंगवी गांव के इस किसान का यह प्रयोग अन्य किसानों के लिए एक आदर्श बन गया है.

बता दें कि बीड जिले का आष्टी तालुका सूखाग्रस्त क्षेत्र है. इस क्षेत्र में कभी भारी बारिश होती है तो कभी सूखा पड़ता है. इसलिए यहां बोई गई फसलें कभी भारी बारिश तो कभी सूखे के कारण खराब हो जाती हैं, इसलिए किसान दत्तात्रेय घुले ने पारंपरिक खेती छोड़कर खजूर के पेड़ लगाकर सालाना 10 से 12 लाख रुपये की आय ले रहे हैं.

किसान ने लगाए हैं खजूर के 80 पेड़

किसान दत्तात्रेय ने बताया कि वो डेढ़ एकड़ क्षेत्र में 80 खजूर के पेड़ लगाए गए हैं, दो पेड़ों के बीच की दूरी 25x25 रखी है, यह एक ऐसा पेड़ है जिसे कम पानी की आवश्यकता होती है और साथ ही एक एकड़ क्षेत्र में 65 पेड़ लगाए जा सकते हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें प्रति पेड़ से 200 किलो तक फल मिलते हैं, ऐसे में प्रत्येक पेड़ से  बीस हज़ार रुपये तक मिलते हैं, साथ ही उन्होंने अपने खेत में खजूर की किस्म बारली लगाई है, इस किस्म के फल देखने में आकर्षक और खाने में स्वादिष्ट होते हैं.

बीड के किसानों के लिए नए प्रयोग ज़रूरी

उन्होंने कहा कि बीड जिले के किसानों के लिए ऐसे नए प्रयोग करना ज़रूरी है, जो कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन दे. इस खजूर के उत्पाद से हम कम पानी और कम जगह में भारी उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसान यह पेड़ खरीदना चाहते हैं, तो उनको टिशू कल्चर के पौधे मांगने चाहिए. एक पौधे की कीमत 4,350 रुपये है. यह कीमत ज्यादा है.

किसानों को पौधो पर मिलना चाहिए सब्सिडी

आम किसान इसे वहन नहीं कर सकते, इसलिए गुजरात और राजस्थान के किसानों के लिए सरकार ने पौधे खरीदने के लिए  सब्सिडी दी है. महाराष्ट्र सरकार को भी यह सब्सिडी देना चाहिए. इससे किसानों को सहारा मिलेगा और उम्मीद है कि बीड जिले में किसान बड़े पैमाने पर खजूर की खेती की ओर रुख करेंगे.

महिला किसान भी करती हैं खजूर की खेती

एक महिला किसान विजया घुले ने भी खजूर के पौधे रोपे है. इस महिला किसान को महाराष्ट्र सरकार से जीजामाता कृषि रत्न पुरस्कार मिला है. उन्होंने बताया कि  पेड़ों पर खजूर बड़ी मात्रा में दिखाई दे रहे हैं. लेकिन आष्टी तालुका एक सूखाग्रस्त इलाका है. इस तालुके में पानी की सुविधा सीमित है, इसलिए किसानों के लिए नए प्रयोग करना जरूरी है. इससे निश्चित रूप से किसानों का उत्पादन बढ़ेगा. अगर हम ड्रैगन फ्रूट जैसी फलों  के साथ खजूर भी लगाएं, तो हमारा उत्पादन बढ़ेगा. साथ ही, ये कम पानी वाली फसलें हैं, इसलिए किसानों को इन फसलों की खेती करनी चाहिए.  

खजूर की खेती से होगी अच्छी कमाई

बीड जिला के कृषि अधिकारी ने कहा कि यहां के किसानों को कभी बारिश तो कभी सूखे का सामना करना पड़ता है, इसलिए यह प्रयोग दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रहा है, क्योंकि खजूर की खेती ने दिखाया है कि सूखे की स्थिति में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है.

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