यूपी के 75 जिलों में 'काऊ टूरिज्म' बनाने की तैयारी, जानें क्या है योगी सरकार का प्लान

यूपी के 75 जिलों में 'काऊ टूरिज्म' बनाने की तैयारी, जानें क्या है योगी सरकार का प्लान

Cow tourism in Uttar Pradesh: प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि योगी सरकार की मंशा है कि गाय से प्राप्त पदार्थों, गोबर, गोमूत्र, दूध, घी और मूत्रजनित उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य की गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभागों को मिली कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विभागों को मिली कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी
क‍िसान तक
  • LUCKNOW,
  • Oct 14, 2025,
  • Updated Oct 14, 2025, 5:07 PM IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पशुपालकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. प्रदेश की सभी गोशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने यह भी तय किया है कि प्रत्येक जनपद में एक आदर्श गोशाला स्थापित की जाएगी, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत 'काऊ टूरिज्म' की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा, जिससे गोशालाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकें बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और आय का साधन उपलब्ध हो सके.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई पहचान

वहीं, प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि योगी सरकार की मंशा है कि गाय से प्राप्त पदार्थों, गोबर, गोमूत्र, दूध, घी और मूत्रजनित उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य की गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए. 

महिला स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा

इस दिशा में महिला स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि स्थानीय स्तर पर गोबर से बने उत्पादों का उत्पादन और विपणन किया जा सके. इसके तहत सरकार ने निर्देश दिए हैं कि दीपावली पर्व पर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों और अन्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए और इनके प्रचार-प्रसार के लिए जनमानस में जागरूकता अभियान चलाया जाए.

गाय आधारित उत्पादों से बढ़ेगा स्वरोजगार

मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि दीपावली के अवसर पर गोबर से बने दीप, मूर्तियां और सजावटी सामग्री के उपयोग को लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इन उत्पादों की बाजारों में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि आम नागरिक भी इनका उपयोग कर ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा दे सकें. उधर, प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम के अनुसार अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोशालाओं में गोबर और गोमूत्र के व्यवसायिक उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर योजनाएं तैयार की जाएं. 

गोशालाओं के जरिए 'वोकल फॉर लोकल; को मिलेगा बल

मुकेश मेश्राम ने आगे बताया कि गोशालाओं की आत्मनिर्भरता के साथ-साथ यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी. उन्होंने बताया कि इस योजना से उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में न केवल गोवंश संरक्षण को नई गति मिलेगी, बल्कि गौ-आधारित उत्पादों के माध्यम से स्वदेशी उद्योगों को भी नई पहचान मिलेगी.

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