Animal Disease: बरसात में पशुओं को कौन-कौनसी बीमारियां होती हैं, क्या हैं उपाय और इलाज 

Animal Disease: बरसात में पशुओं को कौन-कौनसी बीमारियां होती हैं, क्या हैं उपाय और इलाज 

Animal Disease in Rainy Season हालांकि इन बीमारियों की रोकथाम और इलाज घर पर भी किया जा सकता है. लेकिन ऐसे मामलों में पशुपालक की सर्तकता ज्यादा काम आती है. सर्तकता बरतकर पशुओं तरह-तरह के इंफेक्शन से भी बचा सकती है. आम बीमारियों के ये उपाय अगर रोजमर्रा की दिनचर्या में भी शामिल कर लिए तो गाय बहुत सारी बीमारियों से दूर रहेंगी.

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Jul 16, 2025,
  • Updated Jul 16, 2025, 4:07 PM IST

Animal Disease in Rainy Season बरसात के मौसम में बीमारियां और संक्रमण दोनों ही दुधारू पशुओं को परेशान करते हैं. इस परेशानी के चलते पशु तनाव में आ जाते हैं. इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट ने किसान तक को बताया कि बरसात के दौरान अगर पशुओं की ठीक तरह से देखभाल न की जाए तो 6 तरह की बीमारियां पशुओं को चपेट में ले लेती हैं. और इन सभी बीमारियों का असर पशुओं के दूध और मीट उत्पादन पर पड़ता है. लेकिन पशु की खुराक यानि लागत उतनी ही रहती है. जिसके चलते पशुपालन का खर्च बढ़ जाता है.

जूं और किलनी से पशुओं को कैसे बचाएं?

  • पशुओं के जूं और किलनी हो तो नीम के पत्तों को पानी में उबालकर गाय के शरीर पर स्प्रे करें. 
  • एक कपड़े को नीम के पानी में डालकर कपड़े से पशु को धोना चाहिए. 
  • इस उपाय को कई दिन लगातार करने से गाय की जूं और किलनी की परेशानी दूर हो जाती है.

बच्चा देने के बाद जेर न गिरे तो क्या करें? 

  • बच्चा देने के बाद गाय-भैंस की जेर पांच घंटे में गिर जानी चाहिए. 
  • अगर जेर न गिरे तो गाय दूध भी नहीं देती. 
  • अगर जेर ना गिरे तो डॉक्टर की सलाह लेकर जेर से जुड़े उपाय करने चाहिए. 
  • जेर न गिरने पर पशु के पिछले भाग को गर्म पानी से धोना चाहिए. 
  • किसी भी हाल में जेर को हाथ न लगाएं. 
  • जेर को खींचने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

बरसात में पशु के चोट-घाव हो तो क्या करें?

  • बरसात के दौरान चोट-घाव में कीड़े पड़ने से पशु को परेशानी महसूस होती है. 
  • पशु के शरीर पर चोट या घाव की गर्म पानी में फिनाइल या पोटाश डालकर सफाई करनी चाहिए. 
  • घाव में अगर कीड़े हों तो एक तारपीन के तेल में भीगी पट्टी को पशु की चोट पर बांधी देनी चाहिए. 
  •  पशुओं के मुंह में होने वाले घावों को फिटकरी के पानी से धोना चाहिए. 

बच्चे के बाद योनि इंफेक्शन कैसे दूर करें? 

  • बच्चा देने के बाद तय वक्त में गाय-भैंस की जेर न गिरने पर योनि में इंफेक्शन हो जाता है.
  • योनि में इंफेक्शन होने पर गाय-भैंस के शरीर का तापमान बढ़ जाता है. 
  • योनि में इंफेक्शन होने योनि मार्ग से बदबू आने लगती है. 
  • पशु की योनि में इंफेक्शन हो तो योनि से तरल पदार्थ रिसने लगता है. 
  • योनि में इंफेक्शन होने उस हिस्से को गर्म पानी में डिटॉल और पोटाश मिलाकर साफ करना चाहिए. 

हरे चारे से दस्त हों तो क्या करें? 

  • गाय-भैंस दस्त और मरोड़ होने पर पतला गोबर करने लगती है. 
  • पशु को दस्त-मरोड़ तब होते हैं जब पेट को ठंड लग जाती है. 
  • बरसात के दौरान ज्यादा हरा चारा खाने से दस्त-मरोड़ होते हैं. 
  • बरसात में दस्त-मरोड़ से बचाने को हल्का आहार देना चाहिए. 
  • पशु को हल्के आहार में चावल का माड़, उबला हुआ दूध, बेल का गूदा देना चाहिए. 

निष्कर्ष- 

बरसात के दौरान गाय-भैंस खासतौर पर संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इतना ही नहीं जुलाई में बच्चा देने वाली भैंस भी संक्रमण की चपेट में आ जाती हैं. इसके लिए जरूरी है कि बरसात के दौरान एक्सपर्ट के बताए उपाय अपनाते रहें.  

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